तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद अब इमोशनल एंगल देकर उनके लिए सहानुभूति इकट्ठा की जा रही है। सोशल मीडिया पर कई उनके समर्थक ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि महुआ किस तरह से बैंक में वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट पर थीं और सिर्फ सामाजिक कार्यों के लिए सबकुछ छोड़कर राजनीति में आ गईं।
उदाहरण के लिए अपूर्व नाम के पत्रकार का पोस्ट पढ़िए। बताने की कोशिश हुई है कि कैसे महुआ ने करोड़ों रुपए की नौकरी को समाज सेवा के लिए लात मारी और समाज सेवा में लग गई। महुआ की तस्वीर लगाकर अपूर्व ने उन्हें सुंदर, सलोनी और सौम्य महिला बताया और साथ ही लिखा कि चूँकि यह महिला सत्ता के कड़े सवाल पूछती हैं इसलिए साहसी और समझदार है। लेकिन महिला विरोधी लोग उनके चरित्र पर भद्दी फब्तियाँ कस रहे हैं।
अब महुआ मोइत्रा को लेकर किए जा रहे दावों की सच्चाई क्या है। आइए समझाते हैं।
दरअसल, ये जो कहा जा रहा है कि वो बैंकर थीं और उन्होंने करोड़ों की नौकरी छोड़ी…उसके पीछे की सच्चाई ये है कि नो न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन कंपनी में इंवेस्टमेंट बैंकर की लाइन में थी। उन्हें वह वाइस प्रेसीडेंट के रोल में थीं। ध्यान रहे महुआ बैंकर नहीं थी। वो जेपी मॉर्गन में जिस वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट पर थीं, वैसे वीपी बैंकिंग सेक्टर में कई सारे लोगों को बनाया जाता है।
इन्वेस्टोपीडिया साइट के अनुसार, वरिष्ठ बैंकरों में सबसे कनिष्ठ होता है। वहीं बैंक में ये पद किसी एक पर हो ये बिलकुल जरूरी नहीं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि गोल्डमैन सैश बैंक में 12000 वीपी थे। इसी तरह बैंकिंग सेक्टर की कई कंपनियाँ जहाँ वीपी की भरमार होती है इसलिए उन्होंने खबर के टाइटल में भी कहा है कि आखिर क्यों बैंक के वीपी का पद देखकर अचंभित नहीं होना चाहिए।
सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया बैंकिंग में VP क्या
बता दें कि बैंक में वीपी पोस्ट का क्या महत्व होता है इसके बारे में सोशल मीडिया यूजर्स ने भी जवाब दिया। जैसे रौशन राय के पोस्ट, जिसमें वो दावा कर रहे हैं कि महुआ मोइत्रा वो बैंकर थीं जो 100 लग्जरी बैग, 100 जूते ले लेती…उसपर साकेत नाम के एक्टिव यूजर ने कहा,
“बेवकूफ वो बैंकर नहीं थीं, वो सैंकड़ों वाइस प्रेसिडेंट्स में से एक वीपी थी जहाँ काम एंट्री लेवल का होता है। वो जेपी मॉर्गन में काम करती थी, खुद महुआ मॉर्गन नहीं थी।”
Duffer, she was not a banker. She was one of hundreds of VP in an organisation where entry level role for PG is AVP. She worked in JP Morgan. She was not Mahua Morgan. AAP IQ dekh le promoter laati hai. https://t.co/fCy2HSX2Rq
— saket साकेत ಸಾಕೇತ್ 🇮🇳 (@saket71) December 8, 2023
इसी तरह शुभेंदु ने लिखा- जब महुआ ने जेपी मॉर्गन की नौकरी छोड़ी वो वीपी ही थी, जिनका काम बैंक में एंट्री करने आदि का होता है। उनके पास डबल डिजिट में PQE भी नहीं था। ऐसे कर्मचारियों की सैलरी इतनी भी नहीं होती कि वो लंदन के जोन 1,2,3 में घर रेंट पर ले सकें। बड़े आए करोड़ों रुपए की बैंक की नौकरी करने वाले।
When Mahua left the JP Morgan job she was still in a VP, an entry level management role in banks. Her PQE was not even in double digits. The average salary for such employees can’t get you a house on rent in Zone 1, 2 or 3 in London.
— Shubhendu (@BBTheorist) December 9, 2023
बड़े आये “करोड़ो रु की बैंक की नौकरी” वाले। https://t.co/eU6S5RlRMu
गब्बर नाम के एक्टिव यूजर ने भी तंज कसके हुए कहा, “पाँच एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट्स को ठेले पर पानी पुरी खाते देखा है।”
Saw five Associate Vice Presidents around a thela having Pani puri.
— Gabbar (@GabbbarSingh) December 9, 2023
महुआ मोइत्रा की सदस्या गई
बता दें कि संसद में प्रश्न पूछने के बदले नकदी और महँगे-महँगे तोहफे लेने के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई है। जाँच के बाद एथिक्स कमिटी ने उनके खिलाफ रिपोर्ट लोकसभा की टेबल पर पेश की थी। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें संसद से निकालने का फैसला सुनाया। महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 2019 में TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के टिकट पर सांसद बनी थीं।