Saturday, May 18, 2024
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हमास को आतंकी संगठन कहने पर भड़की बुर्के वाली छात्राएँ, स्कूल में इजरायल के साथ जंग पर चल रहा था डिबेट: टीचर पर डाला माफी माँगने का दबाव

कानपुर के हडर्ड हाईस्कूल में चर्चा के दौरान हमास को आतंकी संगठन और हत्यारा कहने पर हिजाबी छात्राओं ने हंगामा किया। उन्हें उकसाने वालों की ख़ुफ़िया एजेंसियों पहचान कर रही है। इसके साथ ही उनके घरवालों के बारे में सूचनाएँ जुटाई जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक स्कूल में इजरायल और हमास को लेकर बहस के दौरान मुस्लिम छात्राओं ने हंगामा कर दिया। इजरायल के समर्थन में बोलने वाली छात्रा और स्कूल के टीचरों पर माफ़ी माँगने का दबाव डाला जा रहा है। वायरल वीडियो में हिजाब पहनी हुईं कुछ छात्राएँ स्कूल में खुद को पाकिस्तानी और आतंकी कहे जाने का भी आरोप लगा रहीं हैं।

घटना शनिवार (9 दिसंबर 2023) की है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है। इस हंगामे के चलते स्कूल में क्रिसमस के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। ख़ुफ़िया एजेंसियाँ हमास समर्थक छात्राओं के परिवारों के बारे में भी जानकारियाँ जुटा रही हैं। वहीं, इस इस वीडियो को वामपंथी और इस्लामी विचारधारा के समर्थकों द्वारा खूब वायरल किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना कानपुर के सिविल लाइंस इलाके की है। यहाँ हडर्ड हाईस्कूल में शनिवार को विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। परिचर्चा में क्लास 11 में पढ़ने वाली छात्राओं को दिए गए टॉपिक का नाम ‘युद्ध समाधान नहीं बल्कि समस्याएँ पैदा करता है’ था। श्रोता के तौर पर कक्षा 6 से 12 तक की छात्राएँ थीं।

एक छात्रा ने चर्चा की शुरुआत की और दिए गए टॉपिक में इजरायल-हमास युद्ध का उदाहरण दिया। छात्रा ने कहा कि हमास ने इजरायल पर हमला किया और छोटे-छोटे बच्चों को भी मारा। हमलावर बताया। उसने हमास को आतंकी संगठन बताया और कहा कि इजरायल को जवाबी हमला करने का पूरा अधिकार है।

इस वाद-विवाद के दौरान वहाँ मौजूद कुछ मुस्लिम छात्राएँ भड़क उठीं। उन्होंने कहा कि हमास को बुरा बताने के चलते उनकी भावनाएँ आहत हुई हैं। विरोध कर रही छात्राएँ इजरायल का समर्थन कर रही छात्रा से माफ़ी माँगने की जिद करने लगीं। प्रिंसिपल ने मुस्लिम छात्राओं को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं और हंगामा जारी रहा।

इसके बाद यह हंगामा अगले एक सप्ताह तक जारी रहा। दरअसल, छात्राओं ने सोशल मीडिया पर स्कूल में हमास के विरोध का मैसेज भी वायरल कर दिया। हंगामे में न सिर्फ इजरायल समर्थक छात्रा को, बल्कि स्कूल की प्रिंसिपल और टीचरों को भी निशाने पर ले लिया गया। स्कूल के गेट से हिजाब पहनीं कुछ छात्राओं के वीडियो भी वायरल किए गए।

कुछ छात्राओं ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें क्लास में लंच भी खाने नहीं दिया जा रहा। एक छात्रा का आरोप है कि बहस के दौरान दोनों पक्षों ने हमास का पक्ष लिया। बकौल छात्रा, ऐसा संवेदनशील मुद्दा बहस के लिए चुनना ही नहीं था। इस दौरान छात्राओं ने खुद को फेल भी किए जाने की धमकी का भी जिक्र किया। मास्क लगाई एक छात्रा ने तो यहाँ तक कहा, “हमारी वजह से स्कूल चल रहा है।” हरे रंग की ब्लेजर पहनीं कुछ छात्राओं ने स्कूल के गेट पर ‘वी वांट जस्टिस’ की नारेबाजी भी की।

इस मामले में पुलिस का कहना है कि वाद-विवाद के दौरान कुछ बिंदुओं पर कुछ छात्राओं के परिजनों ने स्कूल में आकर एतराज जताया था। सभी को समझा-बुझा कर भेज दिया गया। साथ ही पुलिस मामले में सबूत जुटाकर न्यायोचित कार्रवाई भी कर रही है। वहीं स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि टॉपिक युद्ध का दिया गया था न कि किसी मजहब का। प्रिंसिपल ने कहा कि सभी उनकी छात्राएँ हैं, लेकिन हमास के नाम पर इतना गुस्सा उनकी समझ से बाहर की बात है।

हंगामे के बाद स्कूल ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर होने वाले आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है। यहाँ 21 दिसंबर से ही सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाएँगी। इजरायल का समर्थन करने वाली और वाद-विवाद प्रतियोगिता की विजेता छात्रा डर से स्कूल भी नहीं आ रही है। हमास का समर्थन करने वाली छात्राओं के पीछे कौन है, इसकी जानकारी ख़ुफ़िया एजेंसियाँ जुटा रही है।

एजेंसियाँ उन तमाम सोशल मीडिया हैंडल को भी खँगाल रही हैं, जिसके जरिए छात्राओं को स्कूल के बाहर प्रदर्शन के लिए उकसाया गया था। वीडियो फुटेज में छात्राओं के अलावा दिख रहे अन्य लोगों की भी पहचान करवाई जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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