राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने वर्ष 2023 में भारत विरोधी आतंकी गतिविधियाँ करने वालों की कमर तोड़ दी है। NIA ने 2023 में 1000 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इस्लामिक स्टेट (ISIS) के पुणे मॉड्यूल का खुलासा किया। 500 से अधिक आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट लगाई। विदेशों में भारतीय हितों को प्रभावित करने वालों पर भी शिकंजा कसा।
31 दिसम्बर, 2023 को NIA ने एक प्रेस रिलीज जारी कर 2023 में की गई कार्रवाई के विषय में बताया है। NIA ने बताया है कि उसने 2022 में जहाँ 957 जगह पर छापेमारी की थी, वहीं 2023 में 1040 जगह छापेमारी की और आतंक के ठिकानों का खुलासा किया।
Stupendous 94.70 % Conviction Rate, Approx 28% more Arrests, Rs.56 Cr. Worth of Assets Attached pic.twitter.com/FhRhVVt5EN
— NIA India (@NIA_India) December 31, 2023
NIA ने 2023 में 625 भारत विरोधी लोगों को पकड़ा। इसमें से 65 आतंकी ISIS और 114 अन्य जिहादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे। NIA ने वामपंथी नक्सल आतंक की कमर भी तोड़ी। 2023 में NIA ने 76 नक्सली पकड़े। 2023 में गिरफ्तार किए गए 74 आतंकियों को आरोप सिद्ध कर सलाखों के पीछे पहुँचाया। 513 के विरुद्ध चार्जशीट दायर की। इस मामले में NIA का प्रदर्शन 94.7% का रहा है, जो कि अन्य जाँच एजेंसियों के मुकाबले कहीं बेहतर है।
NIA ने सिर्फ आतंकियों को ही नहीं पकड़ा, बल्कि उनकी आर्थिक रूप से कमर भी तोड़ दी। NIA ने 2023 में ₹56 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति अटैच की है। यह 2022 के मुकाबले पाँच गुना है। जाली नोट चलाने वालों पर भी NIA ने शिकंजा कसा है। साथ ही ड्रग्स पर भी एक्शन लिया है।
NIA ने 2023 में विदेशों में भारतीय दूतावासों पर हुए हमलों को गंभीरता से लेते हुए 43 संदिग्धों की पहचान की। 50 जगह छापेमारी की। इस मामले में 80 लोगों से भारत में भी पूछताछ हुई है। इसके जरिए NIA अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों पर हुए हमलों की साजिश को बेनकाब कर रही है।
NIA ने 2023 में अपना फोकस आतंकी और गैंगस्टर गठजोड़ पर लगाया है। ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए NIA ने 2023 में 250 से अधिक जगह छापेमारी करके 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगाई है।
गौरतलब है कि NIA का गठन वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के बाद आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया था। 2014 के बाद NIA को नई तकनीक और अधिक स्वतंत्रता के जरिए मजबूत किया गया है। NIA के गठन के बाद से देश में आतंकी घटनाओं में काफी कमी देखी गई है।