Friday, November 15, 2024
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फिल्मों की फेक रिव्यू करण जौहर ने कबूली, कहा- तारीफ करने के लिए नकली लोगों को भेजती है उनकी पीआर टीम

"जब फिल्म अच्छा कर रही होती है, तो मैं चुपचाप अपने घर में बैठता हूँ। किसी को इंटरव्यू नहीं देता। उन फिल्मों को प्रचार की जरूरत नहीं रहती है। ऐसे में मैं शांत बैठ सकता हूँ। पर कोई फिल्म अगर औसत है, तो उसके बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको कुछ उपाय भी करने पड़ते हैं।"

निर्माता-निर्देशक करण जौहर पर बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहते हैं। अब उन्होंने यह बात कबूली है कि फिल्मों को फ्लॉप होने से बचाने के लिए वे फेक रिव्यू भी करवाते हैं। उन्होंने कहा कि एक औसत फिल्म को हिट कराने के लिए तमाम तिकड़में अपनानी पड़ती हैं। इसके लिए फर्जी तरीके से रिव्यू और पब्लिसिटी स्टंट का रास्ता भी चुनना पड़ता है। साथ ही करण जौहर ने ये भी कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है।

उन्होंने फिल्मों का फेक रिव्यू कराने का खुलासा गलाटा प्लस की राउंड टेबल कन्वर्सेशन के दौरान किया। इस बातचीत में रानी मुखर्जी, तापसी पन्नू, संदीप वेंगा रेड्डी स​हित बॉलीवुड से जुड़े कई लोग शामिल थे। करण जौहर ने कहा कि कई बार उन्हें लोग ऑनलाइन गलत तरीके से परेशान करते हैं। कई बार फिल्मों के बारे में निगेटिव बातें फैलाई जाती हैं, तो गुस्सा आता है। कई बार लोग वायरल होने के लिए बकवास बातें फिल्म के बारे में करते हैं। ऐसी चीजें वाकई परेशान करने वाली होती है।

उन्होंने कहा कि इसलिए कभी-कभी अगर उनकी कोई फिल्म औसत होती है, तो उसका बिजनेस बढ़ाने के लिए, उसके बारे में अच्छी बातें कहने के लिए मैं भी लोगों की सेवाएँ लेता हूँ। अच्छी बातों को कहने के लिए पैसे भी देता हूँ। करण जौहर ने कहा, “कभी-कभी हमारी पीआर टीम नकली लोगों को को फिल्म की तारीफ करने के लिए भेजते हैं।” उनकी ये बात सुनने के बाद बातचीत में शामिल रहे अन्य सितारों ने हैरानी भी जताई।

इसके बाद जौहर ने कहा, “देखिए, कभी-कभी आप भी अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं। एक निर्माता के रूप में आप अपनी फिल्म हर किसी को दिखाना चाहते हैं। कई बार लोग तारीफ करते हैं, तो मैं खुश भी होता हूँ।” उन्होंने कहा कि मैं तो हरेक रिव्यू को सुनता हूँ। हर बात पर मेरी नजर होती है। जब फिल्म अच्छा कर रही होती है, तो मैं चुपचाप अपने घर में बैठता हूँ। किसी को इंटरव्यू नहीं देता। उन फिल्मों को प्रचार की जरूरत नहीं रहती है। ऐसे में मैं शांत बैठ सकता हूँ। पर कोई फिल्म अगर औसत है, तो उसके बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको कुछ उपाय भी करने पड़ते हैं।

नीचे लगे वीडियो में आप 1 घंटा 25 मिनट के बाद करण जौहर की ये बातें सुन सकते हैं।

राउंडटेबल बातचीत में करण जौहर ने कहा, “अगर आप ध्यान दें, जो लोग सिनेमाघरों के बाहर वोक्स पॉप करते हैं, जो मीडिया से बात करते हैं, वो चाहते हैं कि वो ऐसी बातें कहें कि उनकी बातें सोशल मीडिया पर वायरल हों। उन्हें पब्लिसिटी मिले। इसलिए वे जोर-शोर से रिएक्शन देते हैं। उन्हें वायरल होने के लिए ये सब बकवास करनी होती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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