पश्चिम बंगाल के बीरभूम में वामपंथी संगठन SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) की ऑल इंडिया जनरल सेक्रेटरी दीपसिता धर की रैली में संगठन के गुंडों ने एक हिन्दू शख्स पर हमला कर दिया और उसकी पिटाई की। बता दें कि ये छात्र संगठन CPI(M), यानी ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)’ से सम्बद्ध है। रामपुरहाट में दीपसिता धर की रैली के दौरान एक हिन्दू शख्स ने राम मंदिर और हिन्दू समाज के खिलाफ उनकी गलतबयानी का विरोध किया।
शनिवार (13 जनवरी, 2024) को आयोजित इस रैली में उक्त हिन्दू शख्स ने निडरता से जवाब देते हुए कहा, “तुम उसी समय से हिन्दुओं के खिलाफ प्रलाप कर रही हो। मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ – मुस्लिम समाज के खिलाफ कुछ भी बोल कर दिखाओ। तुमने मुस्लिमों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा, लेकिन राम मंदिर के निर्माण पर ही अटकी हुई हो।” उक्त व्यक्ति ने सिर्फ सवाल पूछा और किसी प्रकार की शारीरिक चोट पहुँचाने की कोई कोशिश भी नहीं की, फिर भी उसे घेर लिया गया।
दीपसिता धर के समर्थकों ने उसकी पिटाई कर दी। साथ ही उसे धक्के देकर रैली से बाहर निकाल दिया गया। इस दौरान दीपसिता धर ने SFI के गुंडों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया और बाद में ‘विक्टिम कार्ड’ खेलते हुए कहने लगीं कि उक्त शख्स ने उनके भाषण का सिर्फ एक अंश ही सुना था। कम्युनिस्ट पार्टी की नेता ने बेशर्मी दिखाते हुए उसकी तुलना ‘लघु दृष्टि’ के मरीज से कर दी और कहा कि उन्होंने काफी कुछ कहा, लेकिन उसने सिर्फ राम मंदिर को लेकर बातें सुनी।
A brave H man confronts CPI(M)’s Dipsita Dhar for her anti-H tirade. Tells her to utter something against Ms as well.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) January 13, 2024
Obviously, cat takes her tongue. And Left goons take over. #Bengal pic.twitter.com/B6XpyknACa
याद दिलाते चलें कि दीपसिता धर हावड़ा के बाली से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। 2021 में हुए चुनाव में उन्हें मात्र 22,040 (18%) वोट ही प्राप्त हुए थे। TMC और भाजपा प्रत्याशियों के बाद वो तीसरे नंबर पर आई थीं। बताया जाता है कि उनका मकसद भाजपा की वैशाली डालमिया को किसी तरह हरवाना था। वो मात्र 6237 वोट से ये सीट हारी थीं। साथ ही वो दिल्ली की सीमाओं को घेर कर हुए किसान आंदोलन में भी खासी सक्रिय रही थीं।