Monday, November 18, 2024
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‘बच्चों को नहीं दें नया पेन’: जानिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ में अभिभावकों को PM मोदी ने क्यों दी ये सलाह, बोले – 2 बच्चों के बीच तुलना न करें माता-पिता, बढ़ती है नफरत

"परीक्षा से पहले आराम से बैठें, हँसी-मजाक में 5-10 मिनट बिता दीजिए. खुद में खो जाइए, एग्जाम से बाहर निकल जाएँगे, फिर जब आपके हाथ में प्रश्न पत्र आएगा तो आप आराम से कर पाएँगे।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवीं बार ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को संबोधित किया। बोर्ड परीक्षा से पहले प्रधानमंत्री देश भर के छात्रों में हौसला भरते हैं और उनका उत्साहवर्धन करते हैं। इस दौरान हर बार वो स्कूली बच्चों के माता-पिता के लिए भी सकारात्मक संदेश देते हैं। इस बार प्रधानमंत्री ने बच्चों के माता-पिता से अनुरोध किया है कि वो बच्चों की दूसरों के साथ तुलना न करें।

पीएम मोदी ने दिया तनाव से बचने का मंत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव से बचने का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कहा, “परीक्षा से पहले आराम से बैठें, हँसी-मजाक में 5-10 मिनट बिता दीजिए। खुद में खो जाइए, एग्जाम से बाहर निकल जाएँगे, फिर जब आपके हाथ में प्रश्न पत्र आएगा तो आप आराम से कर पाएँगे। हम बाकी चीजों में लटके रहते हैं, वो बिना कारण हमारी शक्ति बर्बाद करता है। हमें खुद में ही खोए रहना चाहिए। बचपन से अर्जुन और पक्षी की आँख वाली कथा सुनते हैं, इन्हें अपने जीवन में भी लागू भी करें। घबराहट का कारण है कि परीक्षा के समय सोचना कि कहीं समय कम ना पड़ जाए, अच्छा होता मैं पहले वे प्रश्न कर लेता, ऐसे में पहले पूरा पेपर पढ़ लीजिए फिर देखिए कि आपको कैसे करना है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “कुछ माता पिता को लगता है कि आज एग्जाम है कि बच्चे को नई पेन लाकर दें, लेकिन मेरा आग्रह है कि जो पेन रोज यूज करता है, वही ले जाने दीजिए। न उसे कपड़ों पर टोकिए, जो पहन रहा है उसे पहनने दीजिए। एग्जाम पर उसे कंफर्ट फील कराइए।”

पूरी नींद जरूरी

पीएम मोदी ने परीक्षा के समय बच्चों को पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी। पीएम मोदी ने कहा, “जैसे मोबाइल को कार्य करने के लिए चार्जिंग की आवश्यकता होती है, उसी तरह बॉडी को भी रिचार्ज रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि स्वस्थ मन के लिए शरीर को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रॉपर नींद लेना भी बहुत आवश्यक है।”

बच्चों के बीच तुलना न करें माता-पिता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और छात्रों के माता-पिता के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि अगर जीवन में चुनौतियाँ न हों तो जीवन बहुत ही चेतनाहीन बन जाएगा। ऐसे में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, लेकिन यह स्वस्थ तरीके की होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि माता-पिता को दो बच्चों के बीच तुलना नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे नफरत पैदा होती है, जो आगे चलकर जहरीले वृक्ष में बदल सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को माता-पिता अपने विजिटिंग कार्ड की तरह इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे बच्चों के मन-मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

शिक्षक का काम नौकरी नहीं, बल्कि जीवन बदलना

बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी को देखा। उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत में ही प्रदर्शन की तारीफ की और लोगों से प्रदर्शनी को देखने की भी अपील की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में शिक्षकों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने शिक्षकों से मुखातिब होते हुए कहा कि वो नए बच्चों को पुरानी कक्षाओं के बारे में बताएँ। बच्चों का हौसला बढ़ाएँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छात्र तो हर कक्षा में बदलते रहते हैं, लेकिन शिक्षक वहीं पर रहते हैं। वो छात्रों को प्रेरणा दे सकते हैं। छात्रों को समस्याओं का हल बता सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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