मानव तस्करों को जाल में उलझकर ओमान पहुँची और वहाँ आठ महीने तक बंधक बनाकर रखी गई 29 साल की दीपिका जोगी आखिरकार भारत लौट आई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बुजुर्ग महिला का खाना पकाने के काम के लिए भेजा गया था, लेकिन वहाँ उनसे घर का कामकाज कराया जाता था। इसके साथ ही उनसे मारपीट भी की जाती थी।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित भिलाई की रहने वाली दीपिका जोगी ने बताया कि आर्थिक समस्याओं की वजह से उन्हें काम के लिए विदेश जाना पड़ा था। हालाँकि, काम के लिए विदेश जाने की घटना को उन्होंने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल बताया। दीपिका ने कहा हाउस मेड की नौकरी के लिए वह केरल की एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए मई 2023 में ओमान पहुँची थी।
खुर्सीपार निवासी मुल्ला मोहम्मद इमरान खान और हैदराबाद निवासी अब्दुल ने दीपिका से खाना बनाने का काम दिलाने की बात कही थी। इसके बाद मानव तस्करों उन्हें दुर्ग से हैदराबाद ले गए। वहाँ से दीपिका को मस्कट भेज दिया गया। मस्कट एयरपोर्ट से दीपिका को हफीजा के घर जैनब नाम की महिला लेकर गई। इसके बाद दीपिका को वहाँ बंधक बना लिया गया।
दीपिका ने बताया कि दलाल अब्दुल ने उन्हें बताया था कि जहाँ उन्हें भेजा जा रहा है कि वहाँ एक बूढ़ी महिला की सेवा करनी और परिवार के लिए खाना बनाना है। परिवार बेहद छोटा है। दीपिका का कहना कि जब वहाँ गईं तो देखा कि उस बुजुर्ग महिला के नौ बेटे थे और सभी बेटे के तीन से चार बच्चे थे। इस तरह उस घर में कुल लगभग 50 लोग थे।
पति और दो बच्चों को छोड़कर ओमान जाने वाली दीपिका का यह भी कहना है कि वह उस घर में काम करने वाली अकेली महिला थी। उनसे घर की साफ-सफाई कराई से लेकर हर का काम कराया जाता था। जब वह काम करने से मना करती थीं तो उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा जाता था। इसकी शिकायत उन्होंने परिवार के मुखिया और हैदराबाद के दलाल अब्दुल्ला को फोन करके दी।
दीपिका की बात सुनकर अब्दुल्ला उन्हें धमकी देने लगा। बकौल दीपिका, अब्दुल ने कहा कि ‘जो करना है कर लो। अब तो तुम्हें वहीं रहना होगा।’ दीपिका का कहना कि वह भाग्यशाली हैं जो वहाँ से निकल आईं। उन्होंने कहा कि वहाँ कई महिलाएँ हैं जो वर्षों से फँसी हैं। आशंका है कि ये इन सब महिलाओं को भी झूठ बोलकर भेजा गया होगा।
जब ओमान में दीपिका के लिए निकलना मुश्किल हो गया तो किसी तरह से उन्होंने मोबाइल फोन के जरिए वीडियो बनाकर अपने पति को भेजा और मदद की गुहार लगाई। इसके बाद दीपिका के पति ने अपने विधायक रिकेश सेन से मदद मदद माँगी। इसके बाद रिकेश सेन ने केंद्र और राज्य सरकार को इसकी जानकारी दी और गृहमंत्री को भी इसके बारे में बताया। साथ महिला को उन्होंने हिम्मत बढ़ाई।
दीपिका ने कहा, “विधायक जी मुझसे कहा कि तुम वहाँ से किसी तरह भारतीय दूतावास आ जाओ। हम तुम्हें निकाल लेंगे। मैं एंबेसी में एक सप्ताह रही। इसके बाद दूतावास ने ओमान से दिल्ली तक टिकट करवाकर मुझे भेजा। दिल्ली से रायपुर तक विधायक जी ने टिकट करवाया।” दीपिका शुक्रवार (9 फरवरी 2024) को घर पहुँची और वहाँ उनका खूब स्वागत हुआ।