Monday, May 13, 2024
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आंध्र प्रदेश में अजब-गजब चुनाव प्रचार: कंडोम के पैकेट पर पार्टी निशान छापकर बाँट रही TDP-YSRCP, एक-दूसरे से लड़ाई भी कर रहीं

आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है और इस बीच एक अनोखी खबर सामने आई है। YSR कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दोनों ही कंडोम पैकेट पर अपने पार्टी चिह्न छापकर वितरित कर रही हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियाँ बड़े-बड़े वादे करती हैं। कोई साइकिल देने की बात करती है, तो कोई सिलाई मशीन। कोई मोटरसाइकिल का वादा करता है, तो कोई हर महीने हजारों रुपए का। लेकिन आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार से जुड़ी एक अनोखी खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दोनों ही कंडोम पैकेट पर अपने पार्टी चिह्न छापकर बाँट रही हैं। खास बात ये है कि दोनों पार्टियाँ ट्विटर पर इस मुद्दे पर लड़ भी रही हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति कंडोम बाँट रहा है। जिस पर वाईएसआरसीपी पार्टी का चुनाव निशान छपा है। यही नहीं, इन कंडोम पैकेट पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की तस्वीर और पार्टी का चुनावी नारा “नवरात्नालु – आपके कल्याण के लिए” छपा है। पार्टी का दावा है कि यह पहल जनसंख्या नियंत्रण और सुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए है।

खास बात ये है कि जगन मोहन रेड्डी की पार्टी तो खुद कंडोम बाँट रही है, तो दूसरी तरफ वो टीडीपी पर भी आरोप लगा रही है। इस बारे में वाईएसआरसीपी पार्टी ने पोस्ट भी किया है। उसने एक वीडियो शेयर कर टीडीपी पर हमला बोला है। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने अपने कैप्शन में लिखा है, “क्या ये काम कंडोम बाँटने के साथ बंद हो जाएगा या पार्टी जनता के बीच वियाग्रा भी बाँटना शुरू कर देगी?”

वहीं, इसके पलटवार में टीडीपी ने भी वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा है और अपने एक्स हैंडल पर वीडियो भी पोस्ट किया है। टीडीपी ने लिखा, “क्या जगन मोहन रेड्डी इसके बारे में बात कर रही है?” टीडीपी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में वाईएसआरसीपी के चुनाव निशान छपा कंडोम बाँटा जाता दिख रहा है।

इन दोनों पार्टियों की इस पहल पर विवाद भी हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि यह चुनाव प्रचार का एक अनैतिक तरीका है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें वस्तु मानने जैसा है। चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह देखना होगा कि आयोग इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है।

वैसे, यह निश्चित रूप से एक अनोखी पहल है, जिसके राजनीतिक और सामाजिक परिणाम देखने लायक होंगे। यह चुनाव प्रचार में एक नया मोड़ ला सकता है और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में भी मदद कर सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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