Saturday, December 21, 2024
Homeदेश-समाजमणिपुर हाई कोर्ट के जिस आदेश पर जला पूरा राज्य, HC ने उसे ही...

मणिपुर हाई कोर्ट के जिस आदेश पर जला पूरा राज्य, HC ने उसे ही ‘डिलीट’ कर दिया: मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के दिए थे निर्देश

मणिपुर हाई कोर्ट ने अपने आदेश के उस हिस्से को डिलीट कर दिया है, जिसमें उसने सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करना चाहिए।

मणिपुर हाई कोर्ट ने बुधवार (21 फरवरी 2024) अपना ही आदेश पलट दिया। हाई कोर्ट ने 27 मार्च 2023 के अपने ही फैसले के उस खास बिंदु को ‘डिलीट’ कर दिया है, जिसकी वजह से पूरा मणिपुर राज्य हिंसा की आग में झुलस गया था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर कदम उठाने चाहिए। इसके बाद मई माह से शुरू हुई मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे, तो सैकड़ों लोग घायल भी हुए।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर हाईकोर्ट में जस्टिस गोलमेई की पीठ ने कहा कि वो फैसला महाराष्ट्र सरकार बनाम मिलिंद एवं अन्य के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है। महाराष्ट्र सरकार बनाम मिलिंद एवँ अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालतें अनुसचित जनजाति की सूची में संशोधन या बदलाव नहीं कर सकती। इस वजह से कोर्ट अपने पुराने फैसले में संशोधन कर रही है। पीठ ने कहा कि पिछले साल के पैराग्राफ 17(3) के तहत दिए गए निर्देशों को डिलीट किया जाना चाहिए इसलिए इसे डिलीट किया जा रहा है।

बता दें कि हाई कोर्ट ने 27 मार्च 2023 को एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजे। याचिका में कहा गया था कि मैतेई समुदाय ऐतिहासिक रूप से वंचित रहा है और एसटी का दर्जा उन्हें आरक्षण और अन्य लाभों का हकदार बनाएगा।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद, राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़पें हुईं। कुकी समुदाय ने आरोप लगाया कि मैतेई समुदाय एसटी का दर्जा प्राप्त करके राज्य के राजनीतिक और सामाजिक ढाँचे को बदलने की कोशिश कर रहा है। झड़पों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, तो सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस दौरान बड़े पैमाने पर पलायन हुआ और हजारों लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -