पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण का मुद्दा पूरे देश में चर्चा में रहा, जिसमें राज्य की सत्ताधारी पार्टी TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) का नेता शाहजहाँ शेख मुख्य आरोपित था। शाहजहाँ शेख ED अधिकारियों पर हमले के बाद से ही फरार रहा, जो अब CBI की गिरफ्त में है। अब उसके भाई आलमगीर और दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। न सिर्फ यौन शोषण, बल्कि इन सब पर अवैध जमीन कब्जे के भी आरोप हैं। पीड़िताओं में अधिकतर जनजातीय समाज के हैं।
आलमगीर और उसके दोनों साथियों को CBI ने समन जारी किया था। 5 जनवरी, 2024 को ED अधिकारियों के खिलाफ हुई हिंसा में उन पर कार्रवाई की गई है। अब शनिवार (16 मार्च, 2024) को गिरफ्तार किया गया है। महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद संदेशखाली का मुद्दा चर्चा में आया था। भाजपा ने भी इसे उठाया था। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बंगाल में ये मुद्दा गर्म है। गिरफ़्तारी से पहले आलमगीर से CBI के कार्यालय में 9 घंटे पूछताछ की गई।
बताया गया है कि पूछताछ के दौरान न सिर्फ आलमगीर, बल्कि उसके साथी माफीजुल मोल्ला और सिराजुल मोल्ला भी CBI के अधिकारियों को गुमराह कर रहे थे। ये लोग सवालों का अलग-अलग जवाब दे रहे थे। अंततः रात के करीब 9 बजे CBI ने उनकी गिरफ़्तारी की कार्रवाई की। अगले दिन रविवार (17 मार्च, 2024) को इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। संदेशखाली मामले में अब तक 14 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। कई ED अधिकारी हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे।
TMC leader Sheikh Shahjahan's brother arrested for attack on probe agency officials#SheikhShahjahan #TMC pic.twitter.com/TSMXvzB9as
— IndiaToday (@IndiaToday) March 17, 2024
उधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल CV आनंद बोस ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है, जो संदेशखाली में कब्जा किए गए जमीनों का सही उपयोग कैसे किया जाए इस संबंध में अध्ययन करेगी। इन जमीनों को कब्ज़ा कर के अवैध रूप से मछलीपालन किया जा रहा था। ये जमीन उनके मालिकों को लौटा दी गई है, लेकिन अब ये खेती के लायक नहीं रह गई है। मिट्टी की ऊपरी परत को रिप्लेस करना पड़ेगा, ताकि इसमें खेती हो। दिल्ली के कृषि विशेषज्ञों से बोस ने इस संबंध में बात की थी।