Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिसिर्फ 4 शादी के लिए शरिया क्यों... शरिया-हदीस से जीना है तो चोरी करने...

सिर्फ 4 शादी के लिए शरिया क्यों… शरिया-हदीस से जीना है तो चोरी करने वाले के हाथ काटो, बलात्कारी के ऊपर पत्थर बरसाओ: गृह मंत्री अमित शाह

गृह मंत्री शाह ने कहा कि सिर्फ चार शादी करने के लिए शरिया क्यों हो। इस देश का मुस्लिम अंग्रेजों के समय से शरिया और हदीस से कटा हुआ है और कई मुस्लिम देश भी इसे छोड़ चुके हैं। यह कॉन्ग्रेस की वोट बैंक की राजनीति है। देश का अल्पसंख्यक इससे बाहर आए।

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस्लामी कानूनों के बहाने समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध करने वालों पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ 4 शादी और तलाक के लिए ही क्यों शरिया मानी जा रही है, अपराध की सजा भी शरिया और हदीस के हिसाब से दी जानी चाहिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने यह बात समाचार चैनल न्यूज18 द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उनसे उत्तराखंड में लागू किए गए समान नागरिक कानून को लेकर प्रश्न पूछा गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

गृह मंत्री शाह से जब पूछा गया कि क्या वह देश भर में अगले पाँच वर्षों में UCC लागू करेंगे तो उन्होंने कहा, “UCC 1950 से हमारा मुद्दा है। यह मुद्दा तबसे है जब पार्टी जनसंघ के रूप में थी। हम इससे हट नहीं सकते हैं। हमारा मानना है कि देश में एक समान कानून होना चाहिए, इसमें कोई मतभेद नहीं है। उत्तराखंड सरकार UCC लाई है और अब इसकी समीक्षा होगी।”

उनसे जब पूछा गया कि क्या देश के मुस्लिम शरिया और हदीस के हिसाब से नहीं रह सकते तो उन्होंने कहा, “देखिए ये एक प्रकार की भ्रान्ति है। 1937 से ही देश का मुस्लिम शरिया के हिसाब से नहीं रह रहा है। अंग्रेजों ने जब 1937 जब मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाया तो उसमें से आपराधिक तत्व को लेकर बातें निकाल दी। वरना चोरी करने वाले के हाथ काट दो, बलात्कार करने वाले की सड़क पर पत्थर मार कर हत्या कर दो। कोई मुस्लिम बचत खाता ना खोले, कर्ज ना ले। शरिया और हदीस से जीना है तो पूरी तरीके से जीना चाहिए।”

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “सिर्फ चार शादी करने के लिए शरिया क्यों आता है। इस देश का मुस्लिम अंग्रेजों के समय से शरिया और हदीस से कटा हुआ है और कई मुस्लिम देश भी इसे छोड़ चुके हैं। यह कॉन्ग्रेस की वोट बैंक की राजनीति है। देश का अल्पसंख्यक इससे बाहर आए।”

उन्होंने इस बात को आगे ले जाते हुए कहा, “आज भी कोई दीवानी का मुकदमा होता है तो मुस्लिम अदालत में जाते हैं काजी के पास नहीं। राहुल गाँधी क्या यह लागू करना चाहते हैं कि चोरी करने वाले के हाथ काटे जाएँ, बलात्कार करने वाले को पत्थर मारे जाएँ और देशद्रोह करने वाले को चौराहे पर फाँसी पर लटकाया जाए।”

गौरतलब है कि भाजपा लगातार अपने मेनिफेस्टो में कहती आई है कि वह देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करेगी। हाल ही में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने UCC को विधानसभा में पास किया था। इसको राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में और भी भाजपा शासित राज्य इस पर अमल कर सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -