छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सेंट्रल जेल में कैदियों के दो गुटों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ। कैदियों ने बर्तनों को घिसकर हथियार बनाए और फिर एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। इस दौरान चम्मच और छड़ को हथियारों के रूप में इस्तेमाल किया गया, जिसमें कई कैदी घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इन कैदियों का जेल के अस्पताल में ही इलाज चल रहा है और जाँच के बाद केस भी दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिलासपुर सेंट्रल जेल में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों के दुर्दांत बदमाश कैद हैं। उनमें आपस में गुटबाजी भी है। इस जेल में रायपुर, कवर्धा और कोरबा के बदमाशों के गुट हैं। जो बाहर से अलग दिखते हैं, लेकिन किसी मुद्दे पर एकजुट हो जाते हैं, तो स्थानीय गुट बिलासपुर का ही है। जेल में खूनी संघर्ष इन्हीं गुटों के बीच हुआ है, जिसमें एक गुट की अगुवाई मौसीन खान उर्फ चूहा खान कर रहा था, तो दूसरे गुट का नेतृत्व अल्ताफ और फिरोज खान कर रहे थे। ये पूरी वारदात होली से पहले 22 मार्च 2024 की है, जिसके पीछे की वजह वर्चस्व कायम करना था।
बिलासपुर सेंट्रल जेल में गैंगवार की इस घटना में मौसीन खान उर्फ चूहा, आसिफ खान, रफीक खान, इंदीत खान, अब्दुल अयाज खान, अब्दुल मेहताब खान ने मिलकर अल्ताफ खान, फिरोज खान, जलील खान, कमर अली खान पर चम्मच को घिसकर बनाए हथियार से हमला कर दिया। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हो गई। इस घटना में आधा दर्जन बंदी घायल हो गए।
घटना की जानकारी लगते ही एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर सिविल लाइन पुलिस की टीम मामले की जाँच करने जेल पहुँची। इस दौरान जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी से प्रतिवेदन लेकर कैदियों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने जाँच के बाद 11 बंदियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें दोनों पक्षों पर बलवा और जानलेवा हमला करने का अपराध दर्ज किया गया है। वहीं, मारपीट की घटना में घायल 6 बंदियों में से अधिकतर को इलाज के बाद जेल की बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया।