Wednesday, May 8, 2024
Homeराजनीतिनगालैंड: शांति बहाली की उम्मीदें बढ़ीं, अलग संविधान पर नरम पड़ा एनएससीएन (आईएम)

नगालैंड: शांति बहाली की उम्मीदें बढ़ीं, अलग संविधान पर नरम पड़ा एनएससीएन (आईएम)

एनएससीएन (आईएम) नगाओं का सबसे बड़ा और ताकतवर हथियारबंद समूह है। लेकिन, गवर्नर आरएन रवि ने पहले ही साफ कर दिया था कि नगालैंड को खुद का झंडा या संविधान नहीं मिलेगा। साथ ही वार्ता प्रक्रिया को समय सीमा से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

नगालैंड में शांति बहाल होने की उम्मीदें बढ़ गई है। वार्ता के आखिरी दिन सरकार और एनएससीएन (आईएम) के बीच जारी गतिरोध टूटने की खबर है। केंद्र सरकार के वार्ताकार और नगालैंड के राज्यपाल के साथ एनएससीएन (आईएम) तथा अन्य 7 नगा राजनीतिक समूहों के बीच सिलसिलेवार वार्ता नई दिल्ली में गुरुवार (31 अक्टूबर 2019) को समाप्त हुई। कहा जा रहा है कि इस दौरान शांति प्रक्रिया को लेकर एक आम सहमति कायम करने में कामयाबी मिल गई है।

हालॉंकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि एनएससीएन (आईएम) अलग संविधान और ग्रेटर नगालिम बनाने की अपनी मॉंग को फिलहाल ठंडे बस्ते में रखने को राजी हो गया। हालॉंकि अलग झंडे के इस्तेमाल को लेकर कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक नगा अपने कार्यक्रमों में खुद के झंडे का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन, सरकारी कार्यक्रमों और इमारतों में यह नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में बाद में बातचीत होगी।

वार्ता के सफल समापन की घोषणा नगालैंड के सीएम नैफिउ रिओ ने की। इसके अलावा राज्य के विपक्ष के नेता ने भी इसकी पुष्टि ट्विटर पर की है।

गौरतलब है कि एनएससीएन (आईएम) नगाओं का सबसे बड़ा और ताकतवर हथियारबंद समूह है। गवर्नर आरएन रवि ने पहले ही कह दिया था कि नगालैंड को खुद का झंडा या संविधान नहीं मिलेगा। साथ ही कहा था कि वार्ता प्रक्रिया समय सीमा (31 अक्टूबर, 2019) के आगे नहीं बढ़ेगी। इसके बाद नगालैंड की सरकार ने सभी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दीं थी

इसके बाद एनएससीएन (आईएम) के 17 सदस्य नगा नेशनल पोलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) में शामिल हो गए थे। यह विभिन्न नगा राजनीतिक संगठनों का एक समूह है। एनएससीएन (आईएम) छोड़ने वालों में हुकावी येपुतोमि भी थे। वे एनएससीएन (आईएम) की समानांतर सरकार में गृह मंत्री रहे हैं। केंद्र सरकार और गवर्नर आरएन रवि से शांति वार्ता करने वाली टीम में भी वे शामिल थे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

61.45% मतदान के साथ ख़त्म हुआ लोकसभा चुनाव 2024 का तीसरा चरण: असम में सबसे अधिक वोटिंग, 10 केंद्रीय मंत्रियों और 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों...

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 10 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में थे। इसमें गुजरात की गाँधीनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम प्रमुख है।

18 आतंकी हमले, कश्मीरी पंडितों का खून, सिख शिक्षिका की हत्या… जानिए कौन था कुलगाम में मार गिराया गया ₹10 लाख का इनामी आतंकी...

जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ हुए एक एनकाउंटर में आंतकी कमांडर बासित डार समेत दो आतंकियों को मार गिराया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -