Friday, November 22, 2024
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नगालैंड: शांति बहाली की उम्मीदें बढ़ीं, अलग संविधान पर नरम पड़ा एनएससीएन (आईएम)

एनएससीएन (आईएम) नगाओं का सबसे बड़ा और ताकतवर हथियारबंद समूह है। लेकिन, गवर्नर आरएन रवि ने पहले ही साफ कर दिया था कि नगालैंड को खुद का झंडा या संविधान नहीं मिलेगा। साथ ही वार्ता प्रक्रिया को समय सीमा से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

नगालैंड में शांति बहाल होने की उम्मीदें बढ़ गई है। वार्ता के आखिरी दिन सरकार और एनएससीएन (आईएम) के बीच जारी गतिरोध टूटने की खबर है। केंद्र सरकार के वार्ताकार और नगालैंड के राज्यपाल के साथ एनएससीएन (आईएम) तथा अन्य 7 नगा राजनीतिक समूहों के बीच सिलसिलेवार वार्ता नई दिल्ली में गुरुवार (31 अक्टूबर 2019) को समाप्त हुई। कहा जा रहा है कि इस दौरान शांति प्रक्रिया को लेकर एक आम सहमति कायम करने में कामयाबी मिल गई है।

हालॉंकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि एनएससीएन (आईएम) अलग संविधान और ग्रेटर नगालिम बनाने की अपनी मॉंग को फिलहाल ठंडे बस्ते में रखने को राजी हो गया। हालॉंकि अलग झंडे के इस्तेमाल को लेकर कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक नगा अपने कार्यक्रमों में खुद के झंडे का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन, सरकारी कार्यक्रमों और इमारतों में यह नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में बाद में बातचीत होगी।

वार्ता के सफल समापन की घोषणा नगालैंड के सीएम नैफिउ रिओ ने की। इसके अलावा राज्य के विपक्ष के नेता ने भी इसकी पुष्टि ट्विटर पर की है।

गौरतलब है कि एनएससीएन (आईएम) नगाओं का सबसे बड़ा और ताकतवर हथियारबंद समूह है। गवर्नर आरएन रवि ने पहले ही कह दिया था कि नगालैंड को खुद का झंडा या संविधान नहीं मिलेगा। साथ ही कहा था कि वार्ता प्रक्रिया समय सीमा (31 अक्टूबर, 2019) के आगे नहीं बढ़ेगी। इसके बाद नगालैंड की सरकार ने सभी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दीं थी

इसके बाद एनएससीएन (आईएम) के 17 सदस्य नगा नेशनल पोलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) में शामिल हो गए थे। यह विभिन्न नगा राजनीतिक संगठनों का एक समूह है। एनएससीएन (आईएम) छोड़ने वालों में हुकावी येपुतोमि भी थे। वे एनएससीएन (आईएम) की समानांतर सरकार में गृह मंत्री रहे हैं। केंद्र सरकार और गवर्नर आरएन रवि से शांति वार्ता करने वाली टीम में भी वे शामिल थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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