मिस्र के मिन्या प्रांत में मुस्लिम भीड़ ने कई ईसाइयों के घरों को निशाना बनाया है। सामने आई वीडियो में मुस्लिम भीड़ को ईसाइयों के घर की ओर गुस्से में बढ़ते, उनपर हमला करते और हल्ला मचाते हुए देखा जा सकता है। रिपोर्ट बताती हैं कि भीड़ ने इस दौरान ईसाइयों के घरों में आग भी लगाई।
न्यू अरब की रिपोर्ट के अनुसार, ईसाइयों के ईस्टर समारोह के बाद से मुस्लिम भीड़ भड़की हुई थी, लेकिन सड़कों पर ये तब उतरे जब मिन्या के अल फावखेर गाँव में नया चर्च बनाने की बात उठी, वो भी तब जब मुस्लिम भीड़ इसे अस्वीकार कर चुकी थी।
🇪🇬✝️ Another video as this islamic mob attack the homes of the innocent Coptic Christians. The Police were clearly standing by and watching
— Christians MENA (@ChristiansMENA) April 27, 2024
فيديو آخر يظهر هجوم هذا الغوغاء الإسلاميين على منازل الأقباط الأبرياء. كانت الشرطة تراقب بوضوح دون التدخل#ChristiansMENA https://t.co/Zn2sYeXYLO pic.twitter.com/e98WxBCsXt
ईसाइयों द्वारा बात न सुने जाने पर इस्लामी कट्टरपंथी जुम्मे की नमाज के बाद सड़क पर आए और पहले ईसाइयों को उनके घरों से निकालने का प्रयास किया, इसके बाद जब वो इस काम में विफल रहे तो उन्होंने घरों को ही जला दिया।
वीडियो देख अंदाजा लगा सकते हैं कि ये भीड़ कितने गुस्से में थी और कितनी तादाद में मुस्लिम लोग ईसाइयों पर हमला करने निकले थे। इस संबंध में मिन्या के आर्क बिशप मकारियोस ने बताया कि घटना के बाद अनियंत्रित हुई स्थिति पर अब नियंत्रण पा लिया गया है और संदिग्ध भी गिरफ्तार हो गए हैं।
फिलहाल, मिस्र के अधिकारियों की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं सामने आया है लेकिन सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि घटना के समय पुलिस मूकदर्शक बनी तमाशा दे रही थी।
🇪🇬✝️ Another attack on Copts in El Kom el Ahmar, Al Minya, Egypt, as muslims left Friday prayers to attack Christian homes over a Church being built
— Christians MENA (@ChristiansMENA) April 27, 2024
هجوم آخر على الأقباط في المنيا، مصر، حيث ترك المسلمون صلاة الجمعة لمهاجمة منازل المسيحيين بسبب بناء كنيسة#ChristiansMENA pic.twitter.com/SPSVGIQZW6
बता दें कि मिस्र में ईसाई समुदाय के लोग लंबे समय से मुस्लिमों जैसे अधिकार और नए धर्मस्थलों के निर्माण कराने को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। वहाँ अक्सर उन्हें बहुसंख्यक आबादी के कारण अपने हक और मन मारकर जीना पड़ता है। उनपर अत्याचारों की तमाम घटनाएँ मीडिया में दर्ज हैं। खुद आर्क बिशप मकारिओस पर 10 साल पहले हत्या का प्रयास किया गया था।
गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल मिस्र में ईसाइयों का कोई सटीक प्रतिशत नहीं है। लेकिन माना जाता है कि 109 मिलियन की जनसंख्या में 10-15 फीसद ईसाई समुदाय के लोग हो सकते हैं। ऐसे में भी ईसाइयों को शादी और तलाक छोड़कर ज्यादातर मामलों में कानूनी तौर पर इस्लामी कानून शरिया का पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वे लोग कोशिश करते हैं कि मिस्र में उन्हें भी वैसे ही अधिकार मिलें जैसे मुस्लिमों को हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पाता।