भाजपा नेता अमित मालवीय पर कथिततौर पर आरोप लगाए जाने के बाद चर्चा में आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता शांतनु सिन्हा ने मानहानि नोटिस मिलने के बाद अपने बयान पर सफाई दी है। मंगलवार (11 जून 2024) को पेश की गई अपनी सफाई में उन्होंने अपने बयान पर दुःख प्रकट किया, लेकिन इसे वापस नहीं लिया। इसी के साथ उन्होंने खुद को अमित मालवीय का शुभचिंतक साबित करने की कोशिश की है। शांतनु ने अपनी लिखी पोस्ट में कॉन्ग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस उनके पोस्ट को भाजपा के खिलाफ हथियार बनाने की कोशिश कर रही है।
अपना परिचय कोलकाता हाईकोर्ट के वकील के तौर पर देते हुए शांतनु सिंहा ने कॉन्ग्रेस को देश की सबसे घटिया और भ्रष्ट राजनैतिक पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि बंगाली भाषा में लिखे गए उनके पोस्ट को कॉन्ग्रेस पार्टी अमित मालवीय और भाजपा के खिलाफ नफरत फैलाने का हथियार बना रही है।
शांतनु ने दावा किया कि उन्होंने कहीं भी अमित मालवीय द्वारा महिलाओं के यौन शोषण जैसी बात नहीं कही है। उनका कहना कि उन्होंने अपने पोस्ट में सिर्फ आशंका जताई थी कि कहीं कैलाश विजयवर्गीय, प्रदीप जोशी, सिद्धार्थ नाथ सिंह और शिव प्रसाद की तरह अमित मालवीय को भी हनी ट्रैप के किसी केस में न फँसा दिए जाएँ।
इसी पोस्ट के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी ने मीडिया के आगे भाजपा नेता अमित मालवीय पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्हें महिला का यौन उत्पीड़न करने वाला तक कहा था। बाद में अमित मालवीय ने इस संबंध में शांतनु को नोटिस भेजा और नोटिस के बाद शांतनु ने बताया कि उन्होंने जो पोस्ट में आशंका जताई थी कि अमित मालवीय को फँसाया जा सकता वो इसलिए थी क्योंकि CM ममता बनर्जी हनी ट्रैप वाली क्लिप जारी करने की धमकी दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ ये बोलना चाहते थे कि मालवीय को फँसाया जा सकता है।
RSS member Shantanu Sinha in a social media post says, "It is a great chagrin to me that the nastiest and most corrupted political party of the country, the Indian National Congress is spreading hate campaign against Amit Malaviya and BJP…I want to give a clear message that the… https://t.co/oEjOb6Oic8 pic.twitter.com/nfLrww4Uqf
— ANI (@ANI) June 11, 2024
उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा में किसी ने उनकी बातों का सही अर्थ खोजने का प्रयास किए बिना ही उनको गलत मान लिया। खुद को मिली मानहानि की नोटिस के पीछे शांतनु सिन्हा ने प्रेस वालों के हवाले से भाजपा नेता जगन्नाथ चट्टोपाध्याय का हाथ बताया। इस नोटिस को सिन्हा ने खुद पर दबाव बनाने की साजिश बताया है।
शांतनु ने अपने पास हर सवाल का जवाब होने के साथ कई ऑडियो क्लिप भी होने का दावा किया है। उन्होंने खुद को कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार बताया है। हालाँकि उन्होंने फिर से दोहराया कि उनका मकसद अमित मालवीय को बदनाम करना कतई नहीं था। सिन्हा ने अपनी पोस्ट की गलत व्याख्या करने वालों को भी बाज आ जाने की नसीहत दी। अंत में उन्होंने कहा कि अगर उनकी पोस्ट से अमित मालवीय की भावना को ठेस पहुँची है या भाजपा को नुकसान हुआ है तो वो दिल से दुःख प्रकट करते हैं। लेकिन वो बयान वापस नहीं लेंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा।
गौरतलब है कि इस से पूर्व खुद को सम्बोधित कर के 7 जून को लिखे गए शांतनु सिन्हा के लेख से आहत हो कर भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने उन्हें 10 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा था। इस नोटिस में पोस्ट को तत्काल हटाने और बिना शर्त माफ़ी माँगने के लिए भी कहा गया था।