Saturday, September 28, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपापुआ न्यू गिनी में चली गई 2000 लोगों की जान, भारत ने भेजी करोड़ों...

पापुआ न्यू गिनी में चली गई 2000 लोगों की जान, भारत ने भेजी करोड़ों की राहत (पानी, भोजन, दवा सब कुछ) सामग्री

19 टन मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री (HDR) आपूर्ति लेकर एक विमान पापुआ न्यू गिनी के लिए रवाना हुआ है। सहायता में 13 टन आपदा राहत सामग्री शामिल हैं। इसमें अस्थायी आश्रय, पानी के टैंक, स्वच्छता किट जरूरी दवाएँ शामिल हैं।

भारत ने पापुआ न्यू गिनी को एक बार फिर से विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए सहायता भेजी है। पिछले महीने पापुआ न्यू गिनी के एगा प्रांत में विनाशकारी भूस्खलन आया था जिसकी वजह से जान-माल दोनों का काफी नुकसान हुआ। ऐसे में भारत ने अपनी ओर से उन्हें करीबन 1 मिलियन डॉलर की आपदा राहत सामग्री भेजने को कहा था।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्रांत में विनाशकारी भूस्खलन के कारण पैदा हुई स्थिति को देखते हुए, भारत ने करीबी एफआईपीआईसी भागीदार को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तत्काल सहायता की घोषणा की थी। जिसके तहत लगभग 19 टन मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री (HDR) आपूर्ति लेकर एक विमान पापुआ न्यू गिनी के लिए रवाना हुआ है।

सहायता में 13 टन आपदा राहत सामग्री शामिल हैं। इसमें अस्थायी आश्रय, पानी के टैंक, स्वच्छता किट और खाने के लिए तैयार भोजन और 6 टन आपातकालीन उपयोग की दवाएँ, चिकित्सा शामिल हैं। इसके अलावा डेंगू और मलेरिया डायग्नोस्टिक किट, शिशु आहार आदि सहित उपकरण हैं।

बता दें कि बीती 24 मई को पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्रांत में भारी भूस्खलन हुआ था। इस दौरान वहाँ बहुत तबाही हुई थी, साथ ही सैकड़ों लोग भी जान भी गई थी। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार भूस्खलन में दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। वहीं सोशल मीडिया पर सामने आई वीडियोज तो और डराने वाली हैं। लोग जमीन से मलबा हटा हटाकर उसमें अपने अपनों को खोज रहे हैं।

विकिपीडिया पर मौजूद जानकारी के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी इंडोनेशिया के समीप प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर क्षेत्र में द्वीपों का एक समूह है। यहाँ की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी है। केवल 60 लाख जनसंख्या वाला देश विविधताओं के देश के रूप में भी जाना जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जातिगत आरक्षण: जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाना उद्देश्य या फिर राजनीतिक हथियार? विभाजनकारी एजेंडे का शिकार बनने से बचना जरूरी

हमें सोचना होगा कि जातिगत आरक्षण के जरिए क्या हम वास्तव में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं या फिर हम एक नई जातिगत विभाजन की नींव रख रहे हैं?

इजरायल की ताबड़तोड़ कार्रवाई से डरा ईरान! सेफ हाउस भेजे गए सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई: हिज्बुल्लाह चीफ से पहले हमास प्रमुख का भी...

ईरान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाने की माँग की है ताकि मुस्लिम देशों को एकजुट किया जा सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -