Sunday, December 22, 2024
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‘हलाला से डर लगता था’: सनातन में घर-वापसी कर समरीन बनीं ‘सुमन यादव’, मित्रपाल को चुना जीवनसाथी: गायत्री मंत्र के जाप और हवन से हुआ शुद्धिकरण

थोड़े दिनों की बातचीत के बाद समरीन और मित्रपाल दोस्ती हो गई जो अंत में प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी करने का भी निर्णय ले लिया। इस रिश्ते की भनक जब समरीन के परिजनों को लगी तो उन्होंने तमाम पाबंदियाँ कायम कर दीं।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक मुस्लिम लड़की ने सनातन धर्म में घर वापसी की है। लड़की का नाम समरीन है जो अब सुमन यादव नाम से जानी जाएँगी। सुमन ने मित्रपाल नाम के हिन्दू युवक को अपना जीवन साथी चुना है। दोनों ने बरेली के ही अगत्स्य मुनि आश्रम में अग्नि को साक्षी मान कर 7 फेरे लिए और सदा एक दूसरे का साथ निभाने की कसम खाई। समरीन ने गायत्री मंत्र के जाप के साथ वैदिक विधि-विधान से हवन किया। मंगलवार (25 जून, 2024) को अपनी घर वापसी के बाद समरीन ने बुर्का नापसंद बताते हुए कहा कि उनको तीन तलाक और हलाला से डर लगता था।

कपड़ों का काम करने वाले जमील अहमद की 22 वर्षीया बेटी समरीन मूलतः बरेली के सेंथल इलाके की रहने वाली हैं। समरीन के अब्बा ने उन्हें महज कक्षा 5 तक पढ़ाया था। लगभग 2 साल पहले वह इज्जतनगर इलाके में अपने एक रिश्तेदार के घर किसी फंक्शन में गईं थीं। यहाँ रिश्तेदारी के पड़ोस में मित्रपाल का घर था। दोनों की यहीं पहली बार मुलाकात हुई थी। मित्रपाल इंटर पास हैं और 12 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर एक प्राइवेट नौकरी करते हैं।

थोड़े दिनों की बातचीत के बाद समरीन और मित्रपाल दोस्ती हो गई जो अंत में प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी करने का भी निर्णय ले लिया। इस रिश्ते की भनक जब समरीन के परिजनों को लगी तो उन्होंने तमाम पाबंदियाँ कायम कर दीं। समरीन का घर से निकलना भी पहरे में होने लगा। उससे फोन भी छीन लिया गया। समरीन के निकाह के लिए भी कोई मुस्लिम लड़का खोजा जाने लगा। इधर समरीन के साथ उनके प्रेमी मित्रपाल भी जल्द से जल्द वैवाहिक बंधन में बंधने की कोशिश में जुटे थे।

मित्रपाल ने अपने दोस्तों के जरिए अगत्स्य मुनि आश्रम और कई घर वापसी करवा चुके पंडित के के शंखधर के बारे में पता लगाया। 25 मई (मंगलवार) को समरीन जैसे-तैसे अपने घर से निकल कर मित्रपाल के पास पहुँची। यहाँ से दोनों अगत्स्य मुनि आश्रम गए। पंडित के के शंखधर ने दोनों के कागजात चेक किए। समरीन ने अपनी घर वापसी व मित्रपाल से विवाह की इच्छा बिना किसी जोर-जबरदस्ती के अपनी मर्जी से करना बताया। इसका उन्होंने बाकायदा लिखित सबूत भी जमा किया।

आखिरकार दोनों का विवाह अग्नि को साक्षी मान कर हो गया। समरीन ने अपनी घर वापसी के बाद गायत्री मंत्र का जाप किया और विधि-विधान से हवन किया। पंडित के के शंखधर के अलावा मंदिर में मौजूद हिन्दू संगठन के सदस्यों ने समरीन को आशीर्वाद दिया। मित्रपाल के परिजनों ने समरीन से सुमन यादव बनी अपनी बहू का ख़ुशी से स्वागत किया। समरीन ने बताया कि उनको इस्लमी तौर-तरीकों के साथ मज़हबी किताबों में लिखी गई बातों की ज्यादा जानकारी नहीं है।

मीडिया से बात करते हुए समरीन ने यह भी बताया कि अपने प्रेमी के घर वालों के तौर तरीके देख कर उन्हें हिन्दू धर्म पसंद आने लगा था। बकौल समरीन उन्हें बुर्का पसंद नहीं है। साथ ही वो तीन तलाक और हलाला से भी डरती हैं। शादी बाद समरीन पति के साथ अपने ससुराल चली गईं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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