मौलाना तौकीर रज़ा खान सामूहिक इस्लामी धर्मांतरण की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति भी माँगी है। ‘इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल’ ने के अध्यक्ष एवं दरगाह हजरत खानदान के सदस्य मौलाना तौकीर रज़ा खान ने 20 से भी अधिक युवक-युवतियों के सामूहिक निकाह के लिए तारीख़ भी मुक़र्रर कर दी है। इस दौरान सामूहिक इस्लामी धर्मांतरण भी कराया जाएगा। IMC के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने नगर मजिस्ट्रेट को इस बाबत पत्र सौंपा है।
असल में, सौदागरान मोहल्ला स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए खुद तौकीर रज़ा ने ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 15 लड़के और 8 लड़कियाँ हैं, जो दूसरे धर्म के हैं लेकिन इस्लाम कबूलना चाहते हैं। उनका कहना है कि ये सभी बालिग़ हैं और इन्होंने पहले से शादी कर रखी है। जिला प्रशासन से अनुमति माँगी गई है। रविवार (21 जुलाई, 2024) को खलील स्कूल में सबसे पहले 5 जोड़ों के इस्लामी धर्मांतरण की प्रक्रिया पूरी किए जाने का प्लान है। हिन्दू संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।
हालाँकि, मौलाना तौकीर रज़ा खान का कहना है कि इन सबने धर्मांतरण पहले ही कर लिया है, कार्यक्रम में सिर्फ इसकी औपचारिक प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। इसके बाद सार्वजनिक रूप से सामूहिक निकाह कराया जाएगा। अभी तक जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति के संबंध में कुछ भी लिखित में नहीं दिया है। मौलाना ने कहा कि सभी को अपने निजी मामलों में फैसला लेने का अधिकार है, जिन 5 जोड़ों का पहले निकाह कराया जाएगा उनमें 1 मध्य प्रदेश के हैं, बाकी बरेली के आसपास के जिलों के हैं। मौलाना ने कहा कि पढ़ाई और नौकरी के दौरान ये लड़के-लड़कियाँ प्रेम में पड़े।
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— Zee News (@ZeeNews) July 15, 2024
योगी राज में सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान, मौलाना तौकीर रजा ने किया 23 लड़के लड़कियों के सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान, 21 जुलाई को एक साथ 5 लड़के लड़कियों का… pic.twitter.com/0lKbfz5EyW
इनकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि ‘इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल’ के मुखिया का मानना है कि इससे इन्हें दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा कि पहले भी कई युवक-युवती ऐसा कर चुके हैं, लेकिन अब वो समाज के सामने खुल कर मुस्लिम बन कर रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लिव-इन को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है कि बिना किसी प्रलोभन-दबाव के ये लोग मुस्लिम बनना चाहते हैं। इसमें दावा किया गया है कि ये लोग शपथ-पत्र भी देने को तैयार हैं कि ये अपना भला-बुरा सोचने में सक्षम हैं।