भारत देश को बाहरी दुश्मनों से जितना खतरा है, उससे कहीं ज्यादा देश के अंदर के दुश्मनों से, देश के दुश्मनों को अपना हीरो मानने वाले लोगों से। पूरे देश ने सेना के शौर्य, और पाकिस्तान पर भारत की जीत को याद करते हुए 26 जुलाई 2024 को ही ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया है। जिस समय देश कारगिल विजय दिवस मनाने की तैयारियों में जुटा था, ठीक उसी समय कारगिल युद्ध की सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान के उस समय आर्मी चीफ और बाद में पाकिस्तान के तानाशाह बने भारत के सबसे बड़े दुश्मन परवेज मुशर्रफ को सम्मानित किए जाने की भी योजना बनाई जा रही थी। जी हाँ, भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंकों में से एक बैंक ऑफ इंडिया के केरल की कर्मचारी यूनियन 27 जुलाई 2024 को परवेज मुशर्रफ को ही सम्मानित करने जा रही थी।
बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) ने अपने 23वें स्टेट कॉन्फ्रेंस में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को सम्मानित करने का फैसला किया था। बैंक यूनियन की राज्य समिति द्वारा जारी पोस्टर में भी 27 जुलाई 2024 को अलप्पुझा में आयोजित राज्य सम्मेलन के दौरान मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने की तैयारी की योजना के बारे में बताया गया है। बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) से जुड़ा है। ये पोस्टर 26 जुलाई 2024 को सामने आए, ठीक उसी दिन, जब कारगिल के सबसे बड़े खलनायक की कारस्तानी पर भारतीय सेना की जीत को याद दिया जा रहा था। ये मुशर्रफ की ही खोपड़ी की उपज थी कि उसने मुजहिद्दीनों के वेश में पाकिस्तानी सेना को भारत से जंग के लिए भेजा था।
#KeralaModel of paying tribute to our heroes on Vijay Diwas…
— Nishant Azad/निशांत आज़ाद🇮🇳 (@azad_nishant) July 27, 2024
Bharatiya Mazdoor Sangh condemns @BankofIndia_IN Staff Union #Kerala State's meet at Alappuzha for remembering #PervezMusharraf.
Shocked to find bank workers cherishing memory of a #Pakistani General who… pic.twitter.com/ro4VoZw64b
बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) द्वारा मुशर्रफ को सम्मानित करने की योजना का तीखा विरोध हुआ, जिसके बाद यूनियन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। खास बात ये है कि जिस कार्यक्रम में मुशर्रफ को सम्मानित किया जाना था और उसे श्रद्धांजलि दी जानी थी, उसका उद्धाटन कॉन्ग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक और मौजूदा सांसद केसी वेणुगोपाल को करना था।
ये मामला सामने आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने अलपुझा में बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) के सम्मेलन स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया। श्रद्धांजलि सूची से नाम हटाए जाने के बाद भी उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
केरल के Allapujha में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों ने कारगिल युद्ध के दोषी पाकिस्तानी जनरल परवेज मुशर्रफ की याद में मेमोरियल ऑर्गेनाइज किया।
— P.N.Rai (@PNRai1) July 27, 2024
ख़बर मिलने पर बीजेपी के कार्यकर्ता विरोध में बैंक के सामने नारे लगाते हुए। pic.twitter.com/Gi3ldUwRHq
सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि सरकारी बैंक के कर्मचारी भारत पर हमला करने वाले पाकिस्तानी तानाशाह को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, लेकिन पिछले महीने तक उन्हें आरएसएस में शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
Government Bank employees can pay tribute to the Pakistani dictator who attacked India, but until last month they were not allowed to join the @RSSorg . Let that sink in. https://t.co/HCB4QPzzTN
— saket साकेत ಸಾಕೇತ್ 🇮🇳 (@saket71) July 27, 2024
नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स ने इस घटनाक्रम पर बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन (केरल) के राष्ट्रविरोधी चरित्र की निंदा की है। इस बारे में जारी एक बयान में कहा गया है कि संगठन ने जानबूझकर कारगिल विजय दिवस के ठीक एक दिन बाद मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “यह बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों का भी अपमान है, जिनमें से कुछ ने कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था और जो वर्तमान में बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं। हम बहुत दुख के साथ इस राष्ट्रविरोधी कृत्य की निंदा करना चाहते हैं।”
बैंकर्स वॉयस द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए बयान में कहा गया है, “उनकी मूल संस्था AlBEA का भी राष्ट्रविरोधी तत्वों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है।” बयान में आगे कहा गया है, “भारत चीन संघर्ष के दौरान हमारे सैनिकों को रक्तदान के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने और हाल ही में टुकड़े टुकड़े गैंग और फिलिस्तीनियों को दान देने के उनके कृत्यों को याद रखें, जो वैश्विक आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन करते हैं।”
We strongly condemn the anti-national act of the Bank of India Staff Union [Kerala], an affiliate of @FBEU_AIBEA , for remembering Parvez Musharraf, the mastermind of the Kargil infiltration.
— The Banker’s Voice (@TheBankersVoice) July 27, 2024
Such actions insult the sacrifices of our brave soldiers and the spirit of Kargil Vijay… pic.twitter.com/P85W8GnGsf
इस मामले में वित्त मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप करने और उचित जाँच शुरू करने की माँग की गई है। बयान में कहा गया, “हम बैंक ऑफ इंडिया से आग्रह करते हैं कि इस बैठक में शामिल उन कर्मचारियों को निष्कासित किया जाए, जो बहादुर शहीदों का अपमान कर रहे हैं और बैंक को बिना किसी देरी के इस ट्रेड यूनियन की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। हम बीएमएस से आग्रह करते हैं कि वह भारत सरकार के अधिकारियों को उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए सूचित करे।”
गौरतलब है कि शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के ठीक दो दिन बाद बैंक कर्मचारी संघ द्वारा मुशर्रफ को सम्मानित किया जाना था। कारगिल युद्ध के दौरान परवेज़ मुशर्रफ़ ही पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष थे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने दावा किया है कि कारगिल आक्रमण की योजना मुशर्रफ़ ने बनाई थी और उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। हालाँकि, मुशर्रफ़ ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि मुशर्रफ़ को मिशन शुरू होने से पहले ही इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी।
बैंक ऑफ इंडिया एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है। बैंक प्रबंधन ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई बयान जारी नहीं किया है।