केरल के वायनाड में मंगलवार (30 जुलाई, 2024) रात को हुए भूस्खलन के कारण मौतों का आँकड़ा लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि वायनाड के इस हादसे में मरने वाली संख्या 150 पहुँच चुकी है। लगभग 100 लोग अब भी लापता हैं, इनकी तलाश की जा रही है। राहत बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है लेकिन बारिश इसमें बाधाएँ डाल रही है। केरल में इस हादसे के कारण 2 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
वायनाड में हुए इस हादसे के बाद से अब तक 480 से अधिक लोगों को बचाया भी जा चुका है। NDRF, सेना, वायु सेना और केरल का पुलिस प्रशासन भूस्खलन पीड़ितों को बचाने में लगा हुआ है। बचाए हुए लोगों का इलाज भी चल रहा है। बताया गया है कि 100 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। वायनाड में कई जगह राहत शिविर लगाए गए हैं। इनमें 3000 से अधिक लोगों को रखा गया है। सबसे अधिक नुकसान मुनदक्कई में हुआ है। यहाँ 50 घरों के जमींदोज होने की सूचना है।
भूस्खलन के कारण एक पुल भी टूट गया था। बहती नदी के ऊपर से जाने के लिए अब सेना की सहायता से अस्थायी पुल बनाने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए सेना का 330 फुट का ब्रिज यहाँ लाया जा रहा है। इसके कुछ हिस्से बेंगलुरु जबकि कुछ हिस्से दिल्ली से लाए जा रहे हैं। सेना के अलावा कोस्ट गार्ड भी राहत बचाव में जुट गई है। खाने-पीने का सामान और दवाइयाँ भी लगातार पीड़ितों के पास भेजी जा रही हैं। हालाँकि, बारिश के कारण इन सब कामों में लगातार समस्या आ रही है।
केरल में हुए इस प्राकृतिक हादसे के बाद केंद्र सरकार भी केरल की सहायता के लिए आगे आई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात की है। केंद्र सरकार ने केरल को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी से राज्य की स्थिति का जायजा लेते हुए राहत बचाव के कामों में सहयोग देने की बात कही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी वायनाड से सांसद रहे हैं।
वह और प्रियंका गाँधी भी वायनाड जाने वाले थे। अब उन्होंने अपनी यात्रा स्थगति कर दी है क्योंकि उनका जहाज वहाँ नहीं पहुँच पाएगा। केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्र सरकार की मदद पर धन्यवाद दिया है। इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं को भी केरल में निर्देश दिया गया है कि वह राहत बचाव कामों में जुटें।