Monday, November 18, 2024
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पत्रकार-नेताओं की हत्या, मंदिर पर हमले… बांग्लादेश में हिंदू बने आसान शिकार: शेख हसीना को छोड़ना पड़ा देश, अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए भारत से दखल की गुहार

ढाका स्थित शाहजमाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। वहीं इसी प्रदर्शन की आड़ में बांग्लादेश में हिन्दुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है।

बांग्लादेश में अराजक माहौल पैदा होने के बाद वहाँ की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मुल्क छोड़ कर भागना पड़ा है, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उनका विमान सोमवार (5 अगस्त, 2024) की शाम को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। बता दें कि यहाँ भारतीय वायुसेना का बेस है। बता दें कि AJAX1431 कॉल साइन वाला C-130 एयरक्राफ्ट जैसे ही भारतीय सीमा की तरफ बढ़ा था, भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ इसे ट्रैक कर रही थीं। विमान पटना के ऊपर से होकर उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ।

शेख हसीना के मुल्क छोड़ने के कुछ ही देर बाद वहाँ के सेनाध्यक्ष वकार-उज-जमान ने घोषणा की कि विपक्षी दलों के साथ सलाह-मशविरा कर नई अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धानमंडी स्थित ‘सुधा सदन’ को आग के हवाले कर दिया है। उससे पहले यहाँ लूटपाट मचाई गई। प्रदर्शनकारियों ने PM आवास ‘गण भवन’ में घुस कर भी लूटपाट की और के सामान तहस-नहस कर दिए।

ढाका स्थित शाहजमाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। वहीं इसी प्रदर्शन की आड़ में बांग्लादेश में हिन्दुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। हरधन रॉय नामक हिन्दू पार्षद को रंगपुर में मार डाले जाने की खबर है। साथ ही ISKCON के मंदिरों में भी तोड़फोड़ मचाई गई है। काली मंदिरों में घुस कर भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की। बांग्लादेश में पहले से ही हिन्दू डरे हुए हैं। 2021 के दशहरा के दौरान ईशनिंदा का झूठा आरोप लगा कर कई पूजा पंडालों और मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था।

हिन्दू पत्रकार की भी हत्या हुई है। रायगंज प्रेस क्लब को घेर कर प्रदर्शनकारियों ने पत्रकार प्रदीप कुमार भौमिक को मार डाला। इन सबके बीच भारत सरकार से भी हस्तक्षेप की माँग की जा रही है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार को बांग्लादेश की नई व्यवस्था और फ़ौज के समक्ष ये स्पष्ट कर देना चाहिए कि वहाँ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। भारत में कई वामपंथी इस अराजकता को ‘युवा शक्ति व लोकतंत्र की जीत’ बता कर इसका महिमामंडन कर रहे हैं। जबकि मुल्क के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति ही तोड़ डाली गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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