रुड़की में बांग्लादेशी गिरफ्तार
हरिद्वार के रुड़की से गिरफ्तार होने वाले शख्स का नाम रहीमुल है जो कि बांग्लादेश के हाकीमपुर का रहने वाला है। वह करीब तीन महीने पहले बिना पासपोर्ट के अवैध रूप से पश्चिम बंगाल में बीजापुर में दाखिल हुआ था। कुछ दिन पहले पुलिस को बताया गया कि एक संदिग्ध युवक सैन्य क्षेत्र से सटे ढंडेरा इलाके में दिखा है। पुलिस ने उसे पकड़कर हिरासत में लिया तो उसके बाद से फर्जी पहचान पत्र मिला।
सख्ती से पूछताछ पर उसने बताया कि लगभग तीन महीने पहले एक इंजीनियर उसे सीमा पर छोड़ गया था और कहा था कि नौकरी लग जाएगी। इसके बाद उसने कुछ और बहाना बनाया। बार-बार बरगलाए जाने पर सुरक्षाकर्मी सख्त हुए तब उसने बताया कि पश्चिम बंगाल में बीजापुर सीमा में तीन महीने पहले दाखिल हुआ था। इसके बाद वो रुड़की आया। अब पुलिस ये पता लगाने का प्रयास कर रही है कि रहीमुल को छोड़ने वाला कौन है और किसने उसकी मदद की।
महाराष्ट्र में 5 बांग्लादेशी गिरफ्तार
वहीं महाराष्ट्र के नवी मुंबई में अवैध रूप से बांग्लादेश के पाँच नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार (11 अगस्त 2024) को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया उन्होंने एक गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार को कोपरखैरणै क्षेत्र में स्थित एक आवासीय परिसर में छापा मारकर 4 महिलाएँ और 1 पुरुष को गिरफ्तार किया है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि उन्हें इन लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि पाँचों जाली जाली दस्तावेजों के आधार पर भारत में दाखिल हुए थे। उन्होंने बताया कि चारों महिलाओं की उम्र 34 से 45 वर्ष के बीच है। महिलाएँ घरेलू सहायिका का काम करती हैं, जबकि पुरुष की उम्र 38 साल है और वह घरों में पुताई का काम करता है।
अब पुलिस ने बताया कि पाँचों बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के साथ-साथ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम-1950 और विदेशी अधिनियम-1946 के प्रावधानों के तहत एफआईआर की गई है।
ओडिशा में 34 मजदूर हिरासत में
इसी तरह ओडिशा के संबलपुर में 34 मजदूरों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस का कहना था कि ये बांग्लादेशी हैं या नहीं ये तो नहीं पता लेकिन ये पता है कि इनके पास से फर्जी पहचान पत्र मिले हैं। पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया है मगर इनकी गतिविधियों पर लगातार नजर है।
शहर में पहले भी अवैध घुसपैठ की बात सामने आती रही है इसलिए मामले की संवेदनशीलता देखते हुए जाँच पड़ताल की जा रही है। एक टास्क फोर्स का गठन भी हुआ है इसके दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाने के थानेदार, सहायक और सब इंस्पेक्टर आदि शामिल हैं।