Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीति10 किलो वजन कम हो गया है, जमानत दे दीजिए: सिख नरसंहार के गुनहगार...

10 किलो वजन कम हो गया है, जमानत दे दीजिए: सिख नरसंहार के गुनहगार सज्जन कुमार ने SC में लगाई गुहार

जब सज्जन कुमार के वकील ने उनके 'ख़राब स्वास्थ्य' की बात की तो जस्टिस बोबडे ने पूछा कि आखिर उन्हें बीमारी कौन सी है? इसके जवाब में वकील विकास सिंह ने बताया कि सज्जन कुमार का वजन 10 किलो कम हो गया है। पीठ ने कहा कि वजन कम हो जाना कोई बीमारी नहीं है।

कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। 1984 सिख नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सज्जन कुमार ने स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत मॉंगी थी। जस्टिस एसए बोबडे, एसए नजीर और कृष्ण मुरारी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एम्स से कॉन्ग्रेसी नेता के स्वास्थ्य को उचार सप्ताह में रिपोर्ट मॉंगी है।

सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने कोर्ट में सज्जन कुमार के ‘ख़राब स्वास्थ्य’ का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार का वजन 10 किलो कम हो गया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वजन कम हो जाना कोई बीमारी नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट एम्स से रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा। पिछले साल 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के 2013 के फैसले काे पलटते हुए सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जब सज्जन कुमार के वकील ने उनके ‘ख़राब स्वास्थ्य’ की बात की तो जस्टिस बोबडे ने पूछा कि आखिर उन्हें बीमारी कौन सी है? इसके जवाब में वकील विकास सिंह ने बताया कि सज्जन कुमार का वजन 10 किलो कम हो गया है। इसके बाद जस्टिस बोबडे ने कहा कि अगर सज्जन कुमार चाहते हैं कि उनका मेडिकल एग्जामिनेशन हो तो कोर्ट उसके लिए आदेश दे देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सज्जन कुमार के स्वास्थ्य का ध्यान रख रहा है। जस्टिस बोबडे ने कहा- ‘आप जहाँ भी रहें, स्वस्थ रहने चाहिए।

1984 में हुए सिख नरसंहार मामले में जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सहित कई नेता अदालत की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। गाँधी परिवार के वफादार रहे सज्जन कुमार 2004 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह को हरा कर तीसरी बार सांसद बने थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -