Thursday, November 21, 2024
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‘₹290 करोड़ की वंदे भारत पर ₹436 करोड़ खर्च कर रही मोदी सरकार’: TMC सांसद के झूठ का रेल मंत्रालय ने किया पर्दाफाश, ट्रेन का पूरा गणित समझाया

राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने लिखा, पहले जिस ट्रेन की लागत ₹290 करोड़ थी, अब उसकी लागत ₹436 करोड़ होगी। यह केवल AC कोच वाली ट्रेन है, जिसे गरीब लोग वहन नहीं कर सकते। उन्होंने आगे पूछा, वंदे भारत अनुबंध में 50% लागत वृद्धि से किसे लाभ हो रहा है। उनके इसी ट्वीट के जवाब में रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया और झूठ की पोल खोली।

मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के नेता अक्सर झूठ फैलाते हैं। इस बार उन्होंने ये झूठ वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बनाने में लग रही लागत को लेकर फैलाया है। सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनाने के लिए ₹58,000 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को संशोधित किया है और इस फैसले से जहाँ पहले एक ट्रेन की कीमत दुगनी बढ़ गई है। संदेश में ये भी पूछा जा रहा है कि आखिर कौन सा कॉन्ट्रैक्टर है जिसे मोदी सरकार फायदा पहुँचाने के लिए ये सब कर रही है।

इस स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने भी ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, पहले जिस ट्रेन की लागत ₹290 करोड़ थी, अब उसकी लागत ₹436 करोड़ होगी। यह केवल AC कोच वाली ट्रेन है, जिसे गरीब लोग वहन नहीं कर सकते। उन्होंने आगे पूछा, वंदे भारत अनुबंध में 50% लागत वृद्धि से किसे लाभ हो रहा है।

इसी तरह अन्य यूजर अमीना ने भी एक स्क्रीनशॉट शेयर किया और अपने ट्वीट में लिखा कि राफेल घोटाला के बाद अब वंदे भारत का एक नया घोटाला सामने आया है घोटाले की कुल कीमत 19430 करोड़ हो सकती है।

अब इन्हीं दावों के वायरल होने के बाद रेल मंत्रालय ने इस मामले पर खुद संज्ञान लिया। उन्होंने साकेत गोखले के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, “कृपया गलत सूचना और फर्जी खबरें फैलाना बंद करें। कोच की संख्या से गुणा की गई प्रति कोच लागत, ट्रेन की लागत के बराबर होती है।”

आगे साफ-साफ बताया गया कि स्लीपर परियोजना में, पूरे प्रोसेस में पारदर्शिता के कारण प्रति कोच लागत सभी बेंचमार्क से कम है। हमने लंबी ट्रेनें बनाने के लिए कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है, जबकि कॉन्ट्रैक्ट में कुल कोचों की संख्या स्थिर रखी गई है। ऐसा सिर्फ ट्रेन में सफर करने की बढ़ रही डिमांड के कारण किया गया है।

ट्वीट में बताया गया कि पहले 200 ट्रेन, 16 कोच के साथ थीं यानी 3200 कोच के साथ। वहीं संशोधन के बाद 133 ट्रेन बनेंगी 24 कोच के साथ यानी कुल कोच होंगे 3192। रेल मंत्रालय ने कोच की संख्या साझा करते हुए बताया कि असलियत में कॉन्ट्रैक्ट की कीमत बढ़ी नहीं बल्कि घटी है क्योंकि ट्रेन की लेंथ बढ़ा दी गई है।

टीएमसी सांसद द्वारा फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश होने के बाद लोग कह रहे हैं कि इस तरह फर्जी खबर फैलाने के आरोप में रेल मंत्रालय को सांसद पर केस करना चाहिए ताकि सबक मिले और आगे कोई आधी-अधूरी देकर भ्रमित न करे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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