Sunday, November 24, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयडब्बे जैसी मशीन में अमेरिकी महिला ने खुद को बंद कर मार डाला: जानिए...

डब्बे जैसी मशीन में अमेरिकी महिला ने खुद को बंद कर मार डाला: जानिए क्या होता है ‘सुसाइड पॉड’, कैसे करता है काम, पहली डेथ के बाद क्यों हो रही गिरफ्तारी

जिस कम्पनी की मशीन में यह आत्महत्या की गई, उसने दावा किया है कि महिला ऐसी बीमारियों से पीड़ित थी जो सही नहीं की सकती थीं। ऐसे में उसने उसने अपना जीवन खत्म करने का रास्ता चुना और उसने इस मशीन का उपयोग किया। मशीन के उपयोग से आत्महत्या का यह पहला मामला है।

स्विट्जरलैंड में एक महिला ने आत्महत्या करने वाली मशीन ‘सुसाइड पॉड’ में खुद को बंद करके जीवनलीला समाप्त कर ली। अब स्विटज़रलैंड की पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच इच्छामृत्यु को लेकर बहस चालू हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्विटज़रलैंड में हाल ही में एक 64 वर्षीय अमेरिकी महिला ने ‘लास्ट रिजॉर्ट’ नाम की एक कंपनी द्वारा बनाई गई एक मशीन का इस्तेमाल किया। इसे कम्पनी ने ‘सुसाइड पॉड’ का नाम दिया है। इसके बाद उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के कुछ दिनों बाद पुलिस ने कथित तौर 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार किए जाने वालों में इस कम्पनी की एक महिला अधिकारी और 2 पत्रकार शामिल हैं। बताया गया कि महिला ने मशीन में यह आत्महत्या स्विटज़रलैंड के दूरदराज के एक कस्बे के पास के जंगल में की। यहाँ पर गिरफ्तार की गई महिला ही केवल मौजूद थी।

जिस कम्पनी की मशीन में यह आत्महत्या की गई, उसने दावा किया है कि महिला ऐसी बीमारियों से पीड़ित थी जो सही नहीं की सकती थीं। ऐसे में उसने उसने अपना जीवन खत्म करने का रास्ता चुना और उसने इस मशीन का उपयोग किया। मशीन के उपयोग से आत्महत्या का यह पहला मामला है।

इससे पहले भी लोगों की वैध तरीके से आत्महत्या के लिए दवाइयों का उपयोग होता रहा है। इसके लिए उन्हें ऐसी दवाइयाँ दी जाती हैं जो मृत्यु देती हैं। मशीन का इस्तेमाल होने के बाद इसकी वैधता और तौर तरीके पर बहस चालू हो गई है।

क्या है यह मशीन?

अमेरिकी महिला ने जिस मशीन में बंद करके आत्महत्या की है, उसे कम्पनी ने ‘सारको’ का नाम दिया है। कम्पनी का कहना है कि यह मशीन उन लोगों के काम आएगी जो बिना पीड़ा के अपना जीवन खत्म करना चाहते हैं। इस मशीन को एक ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक ने बनाया है।

कम्पनी का कहना है कि इस मशीन को वही व्यक्ति चला सकता है, जिसे आत्महत्या करनी है। किसी कैप्सूल सी दिखनी वाली इस मशीन के अंदर उस व्यक्ति को लेटना होगा और फिर बटन दबाने के बाद आत्महत्या की प्रक्रिया चालू हो जाएगी।

इस मशीन के भीतर लेटने वाले व्यक्ति जैसे ही बटन दबाता है वैसे ही इसके अंदर नाइट्रोजन गैस का तेज प्रवाह होता है। इस कारण अंदर ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटता जाता है जिस भीतर लेटे व्यक्ति का दम घुट जाता है और उसकी मौत हो जाती है।

अभी इस मशीन को स्विटज़रलैंड में कानूनी मान्यता नहीं मिली है, ऐसा वहाँ की सरकार ने बताया है। मशीन की वकालत भी कई समूह कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे लोगों को पीड़ादायक जीवन से मुक्ति मिल सकेगी और किसी भी व्यक्ति को दूसरे की हत्या का भागी भी नहीं बनना होगा।

इच्छामृत्यु पर हो रही बहस

इस मशीन के भीतर महिला की मौत और उसके बाद लोगों की गिरफ्तारी के बीच इच्छामृत्यु को लेकर बहस हो रही है। विश्व के अधिकांश देशों में इच्छामृत्यु अवैध है। भारत में भी किसी को आत्महत्या करने का अधिकार नहीं है। हालाँकि, कई समूह इस बात की वकालत करते आए हैं कि लोगों को अपना जीवन समाप्त करने का अधिकार होना चाहिए। इनका तर्क है कि यदि कोई ऐसी समस्या में है जहाँ कोई रास्ता नहीं बचा तो उसे इच्छामृत्यु की आजादी दी जानी चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्थरबाजी, आगजनी, फायरिंग… संभल में दंगाइयों ने सब कुछ किया, पर रोक नहीं पाए जामा मस्जिद का सर्वे: जानिए कौन हैं विष्णु शंकर जैन,...

करीब ढाई घंटे तक चले सर्वे के दौरान बाहर भारी पत्थरबाजी होती रही, जिसे काबू करने के लिए प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

भारत ने 1 दिन में गिने 64 करोड़ वोट, डोनाल्ड ट्रंप जीत गए पर 18 दिन में भी 1.5 करोड़ वोट गिन नहीं पाया...

मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।
- विज्ञापन -