कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी है। अनशन पर बैठे डॉक्टरों में से एक की हालत बिगड़ गई है। उसे गुरुवार (10 अक्टूबर 2024) की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस डॉक्टर की हालत गंभीर हो गई है। इसके बाद इन डॉक्टरों के समर्थन में मेडिकल एसोसिएशन भी आ गए हैं।
भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने जूनियर डॉक्टरों के आमरण अनशन के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्थिति बिगड़ने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। इसके अलावा, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान पहुँचा तो वह देश भर में चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर देगा।
IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं को सुना। अशोकन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ‘बिना समय बर्बाद किए’ स्थिति को तुरंत संभालने का आह्वान किया। उहोंने कहा कि जूनियर डॉक्टरों ने अपना अनशन समाप्त करने पर चर्चा नहीं की। वे अपनी माँगों पर केंद्रित रहे और अपने दिवंगत सहयोगी के लिए न्याय को लेकर आश्वस्त रहे।
अशोकन ने कहा कि जूनियर डॉक्टर अपने मारे गए सहयोगी के लिए न्याय के साथ-साथ सुरक्षित कामकाजी माहौल उपलब्ध कराने और राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने की माँग कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों के प्रति प्रशंसा भाव से अशोकन ने कहा, “मैं इस बात से अभिभूत हूँ कि ये बच्चे अपने लिए नहीं, बल्कि लोगों की हित के लिए लड़ रहे हैं। वे असली नायक हैं और हमें उन पर गर्व है।”
शनिवार (5 अक्टूबर 2024) की रात से सात जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर हैं। इनमें आरजी कर के अनिकेत महतो, कोलकाता मेडिकल कॉलेज की स्निग्धा हाजरा, तनया पांजा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं।
अनशन के कारण हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बताई जा रही है। क्रिटिकल केयर यूनिट में उनकी निगरानी कर रही पाँच डॉक्टरों की टीम के एक सदस्य के अनुसार, उन पर उपचार का असर होने लगा है। उन्हें गुरुवार रात को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
IMA ने गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षित कामकाजी माहौल एक विलासिता नहीं, बल्कि एक शर्त है। युवा डॉक्टरों को भूख हड़ताल शुरू किए हुए लगभग एक सप्ताह हो गया है और उन पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। IMA ने कहा कि मानव जीवन से ज्यादा कीमती कुछ भी नहीं है। राज्य का कर्तव्य है कि वह उचित माँगों को स्वीकार करे।