Sunday, December 22, 2024
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कच्छ में फर्जी ED टीम बनाकर जिस गिरोह ने की लूटपाट, उसका सरगना निकला AAP नेता अब्दुल सत्तार: गुजरात के गृह राज्यमंत्री ने साझा की पुलिस कस्टडी की तस्वीर

व्यवसायी को उनकी हरकतों से संदेह हुआ और उसने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दी। शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। शुरुआत में पुलिस ने दो आरोपितों को पकड़ा था। हालाँकि, पूछताछ के बाद पता चला कि इसमें और लोग भी शामिल हैं। आखिरकार पुलिस इस मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, एक आरोपित विपिन शर्मा अभी भी फरार है।

पिछले सप्ताह गुजरात के कच्छ में पकड़े गए 12 फर्जी ED अधिकारियों का सरगना आम आदमी पार्टी (AAP) का महासचिव अब्दुल सत्तार मंजोथी निकला है। इस फर्जी ED टीम ने 2 दिसंबर 2024 को गाँधीधाम के राधिका ज्वैलर्स में फर्जी छापेमारी करके दुकान से 22.25 लाख रुपए के आभूषण और नकदी चुरा लिए थे। इस दौरान ग्रुप में शामिल लोगों ने खुद को ED अधिकारी बताया था।

गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का एक और कारनामा सामने आया है! गुजरात में पार्टी के नेता ने ईडी की नकली टीम बनाई और उसके कैप्टन बनकर लोगों को लूटा! कच्छ में पकड़ी गई ईडी की नकली टीम का कमांडर गुजरात आम आदमी पार्टी का नेता निकला! यह है केजरीवाल के चेलों की करतूत के असली सबूत!”

हर्ष संघवी ने AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ गुजरात आम आदमी पार्टी के नेता इसुदान गढ़वी के साथ अब्दुल सत्तार की तस्वीरें भी साझा की हैं। मंत्री ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें पुलिस फर्जी ईडी टीम को गाड़ी से उतार कर सामने ला रही है। इसमें अब्दुल सत्तार भी साथ में दिख रहा है। वह अन्य आरोपितों के साथ लंगड़ाकर चलते हुए दिखाई दे रहा है।

ज्वैलरी शॉप में फर्जी छापेमारी के दौरान अपराधियों ने ED अधिकारी होने का फर्जी आई कार्ड भी दिखाया। इनमें से एक ने ED अधिकारी अंकित तिवारी के नाम का आईडी कार्ड दिखाया। फर्जी रेड के दौरान शातिर अपराधियों ने 25.25 लाख रुपए के गहने और नकदी ले गए। अपराधियों ने इसे जब्ती दिखाकर अपने साथ लेकर चले गए थे। उन्होंने व्यवसायी के घर की भी तलाशी ली थी।

व्यवसायी को उनकी हरकतों से संदेह हुआ और उसने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दी। शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। शुरुआत में पुलिस ने दो आरोपितों को पकड़ा था। हालाँकि, पूछताछ के बाद पता चला कि इसमें और लोग भी शामिल हैं। आखिरकार पुलिस इस मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, एक आरोपित विपिन शर्मा अभी भी फरार है।

पुलिस ने इस गिरोह के पास से तीन कारें जब्त की हैं। इसके साथ ही इनके पास से 22.27 लाख रुपए की कीमत के सोने के गहने भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार लोगों में अब्दुल सत्तार मंजोथी, भरत मोरवाडिया, देवायत खाचर, हितेश ठक्कर, विनोद चूडासमा, यूजीन डेविड, आशीष मिश्रा, चंद्रराज नायर, अजय दुबे, अमित मेहता, उनकी पत्नी निशा मेहता और शैलेंद्र देसाई शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि गिरोह में अहमदाबाद, गाँधीधाम और भुज के लोग शामिल हैं और वे प्रमुख व्यवसायियों को निशाना बना रहे थे। अहमदाबाद और भुज में व्यवसायियों को लूटने के बाद इस गिरोह ने गाँधीधाम में खुदरा विक्रेताओं को ठगने का फैसला किया। गिरोह के सदस्य ED अधिकारी की पोशाक पहनकर आभूषण की दुकान में गए वहाँ छापे मारे। उन्होंने व्यवसायी के घर की भी तलाशी ली।

हर्ष संघवी के आरोपों पर AAP ने सफाई दी है। AAP नेता गोपाल इटालिया ने कहा, “हमारी पार्टी ने मंजोथी की गतिविधियों के बारे में जानने के बाद पहले ही उनका इस्तीफा ले लिया था, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि गृह मंत्री को गिरफ्तारी के दस दिन बाद आरोपित व्यक्ति की राजनीतिक संबद्धता के बारे में पता चला। इससे स्पष्ट है कि एक अपराध का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडे के लिए किया जा रहा है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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