Sunday, December 22, 2024
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हर्षा हत्याकांड के गवाह को धमकी, कहा- कोर्ट मत जाना: हिजाब के विरोध में लिखने पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने चाकू से गोदकर मार डाला था, NIA कर रही है जाँच

NIA ने जाँच के बाद उस पेट्रोल पंप कर्मचारी को सरकारी गवाह बनाया था, जिसे अब धमकाने की कोशिश की गई। आरोप है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने इस गवाह को गवाही न देने की धमकी दी।

कर्नाटक के शिवमोगा जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा हिंदू की हत्या का मामला फिर चर्चा में है। हाल ही में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की कोर्ट में गवाही देने वाले एक गवाह को धमकी देने का मामला सामने आया है। इस मामले में शिवमोगा के तुंगानगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गवाह उस पेट्रोल पंप पर काम करता था, जहाँ हर्षा हत्याकांड के बाद हत्यारे गाड़ी में ईंधन डलवाने गए थे। NIA ने जाँच के बाद उस पेट्रोल पंप कर्मचारी को सरकारी गवाह बनाया था, जिसे अब धमकाने की कोशिश की गई। आरोप है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने इस गवाह को गवाही न देने की धमकी दी।

धमकी के बावजूद युवक ने दी गवाही

बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंप पर काम करने वाला यह युवक अब दूसरी नौकरी कर रहा है। कुछ दिन पहले एक व्यक्ति स्कूटर से पेट्रोल पंप पर आया और गवाह की जानकारी माँगी। पंप कर्मचारियों से कहा गया कि गवाह को कोर्ट में पेश होने से मना कर दें। हालाँकि 12 दिसंबर 2024 को गवाह ने एनआईए कोर्ट में गवाही दी। इसके बाद उन्होंने धमकी की जानकारी पुलिस को की। कोर्ट के निर्देश पर तुंगानगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है और मामले की जाँच जारी है।

कर्नाटक के तत्कालीन सीएम ने दिलाया था न्याय का भरोसा

बता दें कि हर्षा को हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता था। साल 2022 में उस समय कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे बासवराज बोम्मई ने इस हत्या को साजिश करार दिया था।

एक इंटरव्यू में तत्कालीन सीएम बासवराज बोम्मई ने कहा था, “हर्षा, जिसे हर्षा हिंदू के नाम से भी जाना जाता था। वो एक कार्यकर्ता था। वो हर तरह के धार्मिक कार्यक्रमों में सबसे आगे रहता था। उसने हाल ही में हिंदुओं के कई अहम मामलों को उठाया था, जिससे कई लोग काफी चिढ़े हुए थे। कई स्थानीय लोग उसके खिलाफ थे। ये हत्या बहुत ही भयानक थी। ये हत्या से बढ़कर है। ये हार्डकोर दुश्मनी है, जिसे एक छोटे से लड़के पर दिखाया गया है। उसकी हत्या पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि वो एक हिंदू एक्टिविस्ट था और बहुत ही मुखर तरीके से अपनी आवाज को उठाता था।”

फरवरी 2022 में की गई थी हर्षा की हत्या

गौरतलब है कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले 26 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की रविवार (20 फरवरी 2022) को चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जाँच में सामने आया था कि हर्षा ने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के ख़िलाफ़ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में कई कट्टरपंथी मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान रियाज, नदीम, मुजाहिद, कासिफ, आसिफ, अफान (रिहान) के तौर पर हुई थी। इस हत्याकांड में कासिफ मुख्य आरोपित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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