Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिप्रशांत किशोर के बगावती सुर! CAB पर किया गाँधी को याद, नीतीश कुमार के...

प्रशांत किशोर के बगावती सुर! CAB पर किया गाँधी को याद, नीतीश कुमार के फैसले पर निकाली भड़ास

प्रशांत किशोर ने जिस CAB को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया, उसी को पार्टी के सांसद राजीव रंजन कह चुके हैं कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।

लोकसभा में सोमवार (दिसंबर 9, 2019) को जेडीयू द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के प्रति निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि ये विधेयक धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता है।

देर रात विधेयक पारित होने के बाद उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “JDU द्वारा कैब को समर्थन देता देख निराश हुआ। यह विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव करता है। यह हमारी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसमें पहले पन्ने पर ही धर्मनिरपेक्ष शब्द तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गाँधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।”

बता दें कि जिस विधेयक को JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर द्वारा धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया जा रहा है, उसको लोकसभा में अपना समर्थन देते हुए उनकी पार्टी के ही नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह कह चुके हैं कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।

उन्होंने कहा कि सदन में कुछ लोग अपने हिसाब से धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा गढ़ रहे हैं। उनके अनुसार यह विधेयक किसी भी तरह से धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है। सिंह ने यह भी कहा कि इस विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर के लोगों को कुछ शंकाएं थीं, लेकिन अब इन शंकाओं को भी दूर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग इतने समय से न्याय की आस लगाए हुए थे, उन्हें यह बड़ी राहत प्रदान करेगा।

उल्लेखनीय है कि जदयू नेता इससे पहले असम में एनआरसी लागू करने पर भी अपना बयान देते हुए उसे कारगर समाधान के बजाय ढुलमुल रवैया बता चुके हैं। वे कह चुके हैं कि 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और ये ऐसे राज्य हैं, जहाँ देश की 55 फ़ीसदी से अधिक जनसंख्या है। ऐसे में आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से NRC पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं!

‘हेलो हिंदू पाकिस्तान’ – CAB पास होने के बाद स्वरा भास्कर का विवादित बयान

कॉन्ग्रेस को आधी रात में शिवसेना का झटका, CAB पर 18 सांसदों ने दिया अमित शाह का साथ

‘इंदिरा ने बांग्लादेशियों को नागरिकता दी तो Pak प्रताड़ितों को क्यों नहीं?’ – 311 Vs 80 से पास हुआ बिल

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -