Sunday, May 19, 2024
Homeराजनीतिभारतीय पासपोर्ट पर कमल निशान देख भड़की कॉन्ग्रेस, कहा- भाजपा देश का भगवाकरण कर...

भारतीय पासपोर्ट पर कमल निशान देख भड़की कॉन्ग्रेस, कहा- भाजपा देश का भगवाकरण कर रही है

"कहीं भाजपा पासपोर्टों पर कमल छाप कर देश का भगवाकरण तो नहीं कर रही है।" कॉन्ग्रेस के संसदीय दल के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मामले पर सदन में मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर से सफाई माँगनी भी शुरू कर दी। पार्टी साथ ही में इन वितरित पासपोर्ट बुकलेटों को वापस लिए जाने की भी माँग करने लगी।

हम सब ने बचपन में “राष्ट्रीय पशु”, “राष्ट्रीय पक्षी”, “राष्ट्रीय नदी” आदि के साथ-साथ “राष्ट्रीय पुष्प” भी पढ़ा होगा। जिन्होंने पढ़ा होगा, उन्हें यह पता होगा कि कमल सत्तारूढ़ राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी का चुनावी निशान होने के पहले राष्ट्रीय पुष्प है।

इसके बावजूद नागरिकता विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विषय पर संसद में चल रही गंभीर चर्चा के बीच कॉन्ग्रेस के कोझिकोड सांसद एम के राघवन को संसद में इस बात पर चर्चा करना, प्रश्न पूछना बहुत ज़रूरी लगा कि कहीं भाजपा पासपोर्टों पर कमल छाप कर देश का भगवाकरण तो नहीं कर रही है।

राघवन ने यह मुद्दा कल (बुधवार, 11 दिसंबर, 2019 को) संसद के शून्यकाल में उठाया। यही नहीं, उनके सुर में सुर मिलाते हुए लोक सभा में कॉन्ग्रेस के संसदीय दल के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मामले पर सदन में मौजूद विदेश मंत्री एस जयशंकर से सफाई माँगनी भी शुरू कर दी। पार्टी साथ ही में इन वितरित पासपोर्ट बुकलेटों को वापस लिए जाने की भी माँग करने लगी।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को चौधरी को यह याद दिलाना पड़ा कि ऐसे बिना किसी नोटिस के वे विदेश मंत्री से जवाब नहीं माँग सकते, और वरिष्ठ सांसद होने के नाते चौधरी को ये बात खुद से पता होनी चाहिए थी। इसके बाद भी चौधरी अड़े रहे।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इसके बाद चौधरी के रवैये की विपक्ष में ही आलोचना होने लगी। बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद भर्तृहरि महताब ने उन्हें नसीहत दी कि कॉन्ग्रेस सदन को हाईजैक नहीं कर सकती। बीजद के एक अन्य सदस्य ने कहा कि ऐसे झटके में बिना नोटिस के जवाब देने के बारे में विदेश मंत्री से केवल निवेदन हो सकता है, ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं।

उस समय तो जयशंकर ने जवाब नहीं दिया, लेकिन अगले दिन यानि आज (12 दिसंबर, 2019 को) विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने तसल्ली से इस मुद्दे पर वक्तव्य जारी किया। रवीश कुमार ने याद दिलाया कि देश का इकलौता प्रतीक चिह्न अशोक स्तम्भ ही नहीं है। मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस विषय को सम्बोधित करते हुए कहा, “यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय फूल है और फर्जी पासपोर्ट को पहचानने के लिए सिक्यॉरिटी फीचर मजबूत करने का एक कदम है।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह सिक्योरिटी फीचर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के दिशानिर्देश पर पेश किया गया है, और देश के सभी प्रतीक चिह्नों का बारी-बारी से प्रयोग किया जाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिसे वामपंथन रोमिला थापर ने ‘इस्लामी कला’ से जोड़ा, उस मंदिर को तोड़ इब्राहिम शर्की ने बनवाई थी मस्जिद: जानिए अटाला माता मंदिर लेने...

अटाला मस्जिद का निर्माण अटाला माता के मंदिर पर ही हुआ है। इसकी पुष्टि तमाम विद्वानों की पुस्तकें, मौजूदा सबूत भी करते हैं।

रोफिकुल इस्लाम जैसे दलाल कराते हैं भारत में घुसपैठ, फिर भारतीय रेल में सवार हो फैल जाते हैं बांग्लादेशी-रोहिंग्या: 16 महीने में अकेले त्रिपुरा...

त्रिपुरा के अगरतला रेलवे स्टेशन से फिर बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए। ये ट्रेन में सवार होकर चेन्नई जाने की फिराक में थे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -