Sunday, September 15, 2024
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जमात-ए-इस्लामी के प्रोग्राम को शिवसेना का साथ: CAA के विरोध में संजय राउत ‘हिंदू-विरोधी’ कोलसे के साथ होंगे शामिल

जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुंबई अध्यक्ष ने खुद बताया कि शिवसेना नेता संजय राउत ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आएँगे।

देश के अलग-अलग राज्यों में इस्लामिक संगठनों द्वारा सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस कड़ी में जमात-ए-इस्लामी ने भी शिवसेना की सहायता से मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिसमें पार्टी के दिग्गज नेता संजय राउत खुद शिरकत करेंगे।

यहाँ एनसीपी-कॉन्ग्रेस के साथ गठजोड़ कर सरकार बनाने के बाद दिलचस्प चीज़ ये देखने को मिल रही है कि हिंदुत्व की बुनियाद पर पहचान बनाने वाली पार्टी के दिग्गज नेता, इस समारोह में हिंदू विरोधी विचार रखने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश बीजी कोलसे के साथ दिखाई देंगे। इनके अलावा वरिष्ठ वकील मिहीर देसाई और यूसुफ मुछाला भी अपनी बात रखेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुंबई अध्यक्ष ने खुद बताया कि शिवसेना नेता संजय राउत ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आएँगे।

बता दें, सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर जमात-ए-इस्लामी हिंद मुंबई, मराठी पत्रकार संघ और एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के संयुक्त कार्यक्रम मुंबई वीटी स्टेशन के नजदीक पत्रकार भवन में शनिवार शाम को रखा गया है। हालाँकि, इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे शिवसेना नेता संजय राउत पर सबकी निगाहें होंगी, लेकिन रिटॉयर्ड जज कोलसे के बयान पर भी सुर्खियाँ बनने की पूरी संभावना है।

रिटॉयर्ड जज कोलसे पाटिल के बारे में बता दें कि कोलसे मीटू आंदोलन के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपित हैं। जिनपर आरोप है कि एक महिला उनका साक्षात्कार लेने उनके घर गईं थी। जहाँ उन्होंने इंटरव्यू खत्म होने के बाद महिला से पूछा था कि उसके कुर्ते के ऊपर का बटन क्यों खुला हैं और कहा था कि उसे लगता है वे दोनों दोस्त बन सकते हैं।

इतना ही नहीं, कोलसे को पिछले साल महाराष्ट्र में भीमा-कोरेगाँव दंगों के लिए भी एक आयोजक बताया जाता है। साथ ही उन्हें हिंदू विरोधी और जातिगत भाषण देने के लिए भी पहचाना जाता है। साल 2016 में उन्होंने अपनी एक स्पीच में आरएसएस पर खुलेआम ‘हिंदू आतंकवाद’ फैलाने का आरोप लगाया था। वहीं दूसरी स्पीच में उन्होंने कहा था कि आरएसएस भारत की सबसे बड़ी दुश्मन है। इसलिए सबकों मिलकर इस जहरीली विचारधारा से वैचारिक स्तर पर लड़ना चाहिए।

यहाँ बता दें कि शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में समर्थन किया था, लेकिन राज्यसभा में मतदान के दौरान वाकआउट कर गई थी। वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र में एनआरसी को लागू नहीं किया जाएगा और साथ ही सीएए पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही निर्णय लेने की बात कही थी। संजय राउत लगातार सीएए और एनआरसी के खिलाफ मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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