मैंने पहले भी कई ट्रेन यात्राएँ की हैं और कल मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई ट्रेन “वन्दे भारत एक्सप्रेस” से दिल्ली से वाराणसी तक की पहली यात्रा का एहसास बेहद ख़ास और आनंददायक रहा। मेक इन इण्डिया के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में निर्मित बदलते भारत की तस्वीर पेश करती वन्दे भारत एक्सप्रेस में ऐसी कई खूबियाँ हैं, जो ट्रेन यात्रा को सुगम, समयबद्ध और आरामदायक बनाते हुए दिल्ली से वाराणसी की यात्रा को महज़ 8 घंटे में समेट देती है। पहले हमने ऐसी ट्रेनों के बारें में सिर्फ सुना था, और अब एक युवा पत्रकार के रूप में मात्र 18 महीने में साकार हुए प्रधानमंत्री के सेमी हाई स्पीड ट्रेन के, सपने से हक़ीक़त की यात्रा का गवाह भी हूँ।
इस यात्रा में इस बात से भी भारत की मेधा के प्रति गर्व हुआ कि मात्र 97 करोड़ रुपए में निर्मित भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन-18 अर्थात वन्दे भारत एक्सप्रेस आने वाले समय में ट्रेन-20 की आधारशिला भी है। अगर इसे आयात करते तो इसकी लागत 200 करोड़ रुपए से ज़्यादा आती।
अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित इस ट्रेन में एक यात्री के रूप में मैंने जिन ख़ासियत को देखा और महसूस किया, उससे आपका परिचय कराता हूँ। सबसे पहले स्वागत होता है ऑटोमेटेड पायदान से लेकर स्वचालित दरवाज़ों से। फिर बारी आई चेयर कार की सीटिंग व्यवस्था का।
आरामदायक सीट, लम्बे समय तक बैठने में बेहद सुकून देने वाला, ऐसा डिज़ाइन जिसमें बैठते समय रीढ़ सीधी रहती है। ग्रिप ऐसी कि कमर दर्द जैसी कोई परेशानी नहीं। हर सीट के साइड में मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा।
एग्जीक्यूटिव चेयर कार में 180 डिग्री घूमने वाली सीट, जिससे किसी भी दिशा में घूमकर, पूरा परिवार आराम से बातचीत कर सकता है। बिज़नेस मीटिंग के लिए भी बेहद सुविधाजनक। पूरी ट्रेन में सेंसर बेस्ड लाइटिंग सिस्टम, पर्सनल रीडिंग लाइट भी।
यात्रा को आनंददायक बनाने के लिए इंफोटेनमेंट स्क्रीन के साथ, फ्री वाई-फाई की सुविधा भी है। आप अपने पर्सनल डिवाइस पर ट्रेनमीडिया से कनेक्ट कर अपनी पसंद के अनुसार इंफोटेनमेंट का मज़ा ले सकते हैं। CCTV कैमरे से पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था, ऑटोमेटिक सेंसर आधारित कनेक्टिंग डोर। जैसे ही आप दरवाजे की तरफ बढ़ेंगे तो खुल जाएगा और पार होते ही स्वतः बंद।
ट्रेन को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए हर डब्बे में अलग-अलग क्लीनिंग स्टाफ।
बीच में अनावश्यक व्यवधान न हो, उसके लिए हर डब्बे का अलग से अत्याधुनिक फ़ूड स्टोरेज एंड डेडिकेटेड सर्विस सिस्टम।
अच्छी चाय के साथ, पौष्टिक नाश्ता, स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता का लंच एंड डिनर।
बेहतरीन लेग स्पेस के साथ, कम्फर्टेबल फूट स्टैंड, साथ ही पर्सनल डेस्क भी।
कुल मिलाकर, वन्दे भारत एक्सप्रेस की पहली ही यात्रा में मेरा अनुभव शानदार रहा। पूरे रूट पर लोगों से मिले सुखद रिस्पॉन्स से रेल मंत्री पीयूष गोयल भी गदगद दिखे। जल्द ही ऐसी तीस और ट्रेनों के निर्माण में तेजी लाने का आश्वासन भी दिया ताकि देश का हर हिस्सा यातायात की अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ ले सके।
हालाँकि, एक दिन पहले ही घटी पुलवामा की घटना की वजह से ट्रेन में जश्न का माहौल कम और CRPF के जवानों के प्रति सम्मान का भाव ज़्यादा रहा। रेल मंत्री ने खुद कहा, “एक तरफ जहाँ देश शहीदों के प्रति दुःख में डूबा है, वहीं निर्धारित समय पर इतने लम्बे रुट पर ट्रेन का संचालन ऐसे मानवता के दुश्मनों को सन्देश भी है कि भारत किसी से डरने वाला नहीं है, न रुकने वाला, जब जो ज़रूरी होगा कठोर से कठोर निर्णय भी लिया जाएगा।”