जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक छात्र ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसकी याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार तथा दिल्ली पुलिस को को नोटिस जारी किया है। छात्र शय्यान मुजीब का दावा है कि उसकी चोट के लिए सरकार जिम्मेदार है और उसे 2 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा दिया जाना चाहिए। उसने दावा किया है कि जामिया में भड़की हिंसा के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई में वो घायल हो गया था और उसे चोटें आई थीं। बता दें कि 15 दिसंबर 2019 को जामिया नगर में सीएए विरोधी उपद्रवियों ने कई वाहनों को फूँक डाला था।
दंगा और आगजनी की इस घटना के बाद पुलिस ने जामिया कैम्पस में घुस कर उपद्रवियों को खदेड़ा था। मुजीब ने दावा किया है कि वो लाइब्रेरी में बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, तभी पुलिस ने उसकी पिटाई की। बता दें कि रविवार (फरवरी 16, 2020) को जामिया के छात्रों ने एक वीडियो जारी कर पुलिस पर लाइब्रेरी में घुस कर छात्रों को पीटने का आरोप लगाया था। हालाँकि, बाद में रिलीज हुए वीडियो से पता चला कि नकाबपोश पत्थरबाज लाइब्रेरी में भाग कर आ गए थे और पढ़ने का ड्रामा कर रहे थे। पुलिस ने चिह्नित कर उन पर एक्शन लिया था।
शय्यान मुजीब ने कोर्ट को बताया है कि उसकी दोनों टाँगें टूट चुकी हैं, जिन्हें ठीक करवाने में उसे 2.5 लाख रुपए की चपत लग गई। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। गत 15 दिसंबर को हुए दंगे को शांत करने के लिए पुलिस को आँसू गैस का सहारा लेना पड़ा था और लाठीचार्ज भी की गई थी। इसके बाद मीडिया व लिबरलों के एक वर्ग ने दिल्ली पुलिस पर ‘छात्रों के साथ ज्यादती’ करने का आरोप मढ़ा था।
Dec 15 Jamia incident: Delhi HC issues notice to Centre, Delhi Police, Delhi govt on petition by a student Shayyan Mujeeb seeking compensation of Rs 2 Cr for his injuries. He said he was sitting in library, was severely injured&spent Rs 2.5 Lakhs as his both legs were fractured. pic.twitter.com/ah5RBUQ2ry
— ANI (@ANI) February 17, 2020
दिल्ली पुलिस स्पष्ट कह चुकी है कि उसके किसी भी जवान ने किसी निर्दोष छात्र पर हाथ नहीं उठाया है। रविवार को वीडियो जारी होने के बाद पुलिस ने कहा कि इसकी जाँच की जाएगी और फिर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जामिया प्रशासन व वहाँ के छात्रों ने पुलिस की जाँच में सहयोग भी नहीं किया था। जब पुलिस सीसीटीवी फुटेज लेने पहुँची थी, तब छात्रों ने जाँच कार्य में बाधा डालते हुए हंगामा खड़ा कर दिया था।