सोमवार फरवरी 24, 2020 को केंद्र सरकार द्वारा जारी ‘प्रधानमंत्री किसान योजना’ को ठीक एक साल पूरा हो जाएगा। सरकार ने देश के अन्नदाताओं की माली हालत में सुधार के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। वर्ष 2019 में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से इस योजना का उद्घाटन किया था।
आज शनिवार को केंद्र सरकार ने इस योजना पर जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना PM-KISAN के तहत अब तक इस एक साल के दौरान देश के किसानों के बीच करीब 50,850 करोड़ रुपए बाँटे गए हैं। इस योजना के तहत पात्र किसानों को साल में 6,000 रुपए की मदद मिलती है, जो कि किसानों तक तीन किस्तों में पहुँचाई जाती है।
केंद्र ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अब तक 50 हजार 850 करोड़ रुपये किसानों को बांटे हैं https://t.co/zBdDijdHS5
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) February 22, 2020
कृषि मंत्रालय ने इस योजना को शुरू करने के एक साल पूरे होने पर इस योजना के तहत हुई प्रगति से जुड़ा ब्योरा साझा किया है। देशभर में किसानों के परिवार को आय में मदद करने के लिए तथा उन्हें कृषि कार्यों समेत घरेलू खर्च में सक्षम बनाने के लिये इस योजना की शुरुआत की गई थी। कृषि मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि योजना के तहत केंद्र सरकार अभी तक 50,850 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का वितरण कर चुकी है।
Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (#PMKISAN) – the Central Sector scheme with 100% funding from Government, completes one year on February 24, 2020.
— PIB India (@PIB_India) February 22, 2020
8.46 crores farmer families have been given the benefits so far.
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कृषि गणना 2015-16 के आकलन के अनुसार, इस योजना में 14 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है। इस साल 20 फरवरी तक 8.46 करोड़ किसानों को योजना की राशि मिल चुकी है। यह योजना दिसंबर 2018 से प्रभावी की गई थी। जिसके अंतर्गत लाभार्थी किसानों की पहचान करने की समय सीमा फरवरी 01, 2019 रखी गई थी।
असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में दिसंबर 01, 2019 के बाद की सभी किस्त आधार नंबर से सत्यापित बैंक खातों में ही भेजी जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के पहचान की पूरी जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों की है।
शुरू में इस योजना से देश में दो हेक्टेयर तक की अधिकतम जोत वाले सभी छोटे और मझोले किसानों की मदद का प्रावधान किया गया था। बाद में इसका दायरा बढ़ाकर जोत का ध्यान रखे बिना छोटे-बड़े सभी किसान परिवारों को इसमें शामिल किया गया है। केवल साल में आयकर का भुगतान करने वाले किसानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।