Sunday, September 8, 2024
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मुस्लिम आरक्षण पर रार: शिवसेना ने NCP नेता के बयान को नकारा, कहा- मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं होगा

“हमें जानना चाहिए कि किन मुद्दों पर शिव सेना ने समझौता कर सरकार बनाने के लिए अपनी विचारधारा का परित्याग कर दिया है।”

महाराष्ट्र में शिवसेना ने मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने के किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया है। बता दें कि पिछले दिनों अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि राज्य में 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण वापस लाने के लिए सरकार कानूनी सलाह ले रही है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि शिवसेना ने आरक्षण दिए जाने को लेकर पल्ला झाड़ लिया है। शिवसेना ने इस मामले में किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है

विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार (फरवरी 28, 2020) को एक ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार के धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के फैसले पर सवाल उठाया था। विश्व हिंदू परिषद ने मुस्लिमों को आरक्षण देने पर चिंता जताते हुए कहा था, “शिवसेना से मुस्लिम तुष्टिकरण की उम्मीद नहीं की जा सकती।” रविवार (मार्च 1, 2020) की सुबह शिवसेना ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “इस तरह का फैसला विचाराधीन नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों नवाब मलिक ने कहा था, “हाई कोर्ट ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम समुदाय को 5 फीसदी आरक्षण को हरी झंडी दी थी। पिछली सरकार के कार्यकाल में इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसलिए हमने हाई कोर्ट के आदेश को कानून के रूप में अमल करने का ऐलान किया है।”

इसके बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरक्षण  के मुद्दे पर कहा था कि मुस्लिमों के लिए ये असंवैधानिक है और इससे अन्य पिछड़ा वर्ग और मराठा आरक्षण प्रभावित होगा। फडणवीस ने कहा था, “हमें जानना चाहिए कि किन मुद्दों पर शिव सेना ने समझौता कर सरकार बनाने के लिए अपनी विचारधारा का परित्याग कर दिया है।” भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि अगर मुस्लिमों को अतिरिक्त आरक्षण दिया गया तो अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा।

गौरतलब है कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले जून महीने में राज्य की तत्कालीन कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार ने मुस्लिमों के लिए 5 फीसदी के आरक्षण की व्यवस्था की थी और इस संबंध में अध्यादेश भी जारी किया था। मगर इसके बाद हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन की सरकार सत्ता में आ गई। नई सरकार ने मराठा आरक्षण बरकरार रखा, लेकिन मुस्लिमों के लिए आरक्षण पर कोई कदम नहीं उठाया। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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