पुलवामा में CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला करने के बाद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने एक और बड़े फिदायीन हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी। ख़ुफ़िया जानकारी के अनुसार पता चला है कि 16-17 फ़रवरी को JeM के पाकिस्तानी लीडरों और कश्मीर स्थित आतंकवादियों के बीच बातचीत हुई थी।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा गोपनीय रूप से जुटाई गई जानकारी से पता चला है कि जैश के आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षा बलों को बड़े पैमाने पर हताहत करने के लिए एक और हमले को अंजाम देने का संकल्प लिया था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को किसी उच्च पदस्थ इंटेलिजेंस अधिकारी द्वारा जानकारी मिली है कि जम्मू या जम्मू-कश्मीर के बाहर एक बड़ा हमला हो सकता है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 19 फरवरी को जानकारी दी थी कि तीन फिदायीन समेत समेत 21 जैश आतंकियों ने पिछले साल दिसंबर में कश्मीर में घुसपैठ की थी।
यह भी पता चला है कि जैश-ए-मुहम्मद, पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट की तैयारियों का वीडियो भी जारी करने वाला है। खुफिया विश्लेषकों ने कहा कि वीडियो जारी करने का इरादा 20 वर्षीय आदिल अहमद डार का महिमामंडन करना है, जिसने अपनी विस्फोटक से भरी मारुति ईको वैन CRPF के क़ाफ़िले में शामिल बस से टकरा दी थी, जिसके कारण 14 फ़रवरी को 40 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। एक विश्लेषक के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद द्वारा जारी होने वाले वीडियो से कश्मीरी युवाओं को आत्मघाती बम बनाने वाले मिशन में भर्ती करने में मदद मिल सकती है।
जैश ने यह भी दावा किया है कि उसके पूर्व ऑपरेशनल कमांडर मोहम्मद वकास डार ने पिछले हफ़्ते राजौरी के नौशेरा सेक्टर में IED लगाई थी जिसमें सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट की मृत्यु हो गई थी। हालाँकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जैश आतंकवादियों के बीच हुई बातचीत भारत को आतंकित करने के लिए लक्षित एक ‘मानसिक ऑपरेशन’ जैसा लगता है। लेकिन जब से पुलिस ने जैश आतंकियों की बातचीत ख़ुफ़िया रूप से सुनना शुरू किया है, वे इसे अनदेखा नहीं कर सकते। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे हाई अलर्ट पर हैं और अन्य माध्यमों से भी ख़तरे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।