कोरोना वायरस से बचाव के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। सरकार इससे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और साथ ही लोगों से भी अपील कर रही है कि वो जागरुक हों और सावधानी बरतें। केंद्र सरकार कोराना वायरस के प्रसार को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। इसको लेकर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, मगर कुछ लोग कोरोना वायरस को लेकर कुछ ऐसा कर रहे हैं जो दूसरे को भी संकट में डाल सकता है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से। जहाँ के आइसोलेशन वार्ड से जम्मू कश्मीर के तीन पीएचडी स्कॉलर भाग निकले। इन तीनों को 18 मार्च 2020 को UHS आइसोलेशन वॉर्ड में क्वारंटाइन के लिए रखा गया था।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर द्वारा जारी एक आधिकारिक पत्र में बताया गया है कि जम्मू कश्मीर के ये तीनों पीएचडी स्कॉलर 4 मार्च से 9 मार्च तक UAE की यात्रा की और 18 मार्च 2020 को 4 बजे शाम में उन्हें क्वारंटाइन के लिए UHS आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया था। मगर वो गुरुवार (मार्च 19, 2020) को लगभग 9:45 में हॉस्पिटल से फरार हो गए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा जारी इस आधिकारिक पत्र के मुताबिक जो तीन कश्मीरी क्वारंटाइन से भागे हैं, उनके नाम हैं- आजाद अहमद वानी, मोहम्मद इकबाल राथर और बिलाल अहमद राथर। आजाद अहमद वानी और मोहम्मद इकबाल राथर ABEM में स्कॉलर है। ये दोनों उत्तरी कश्मीर के वागुर बारामूला के रहने वाले हैं। वहीं बिलाल अहमद राथर बॉटनी में स्कॉलर है।
इस जानकारी के मिलने के बाद कश्मीरी प्रशासन अलर्ट हो गई और तीनों कश्मीरी स्कॉलर को ढूँढने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया। बारामूला के डिप्टी कमिश्नर ने कश्मीरी डिस्पैच से बात करते हुए कहा कि प्रशासन ने उन्हें ट्रैक-डाउन कर लिया है और कल सुबह उन्हें फिर से उचित क्वारंटाइन के लिए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी कई जगहों से कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के भाग जाने की खबरें सामने आ चुकी है। जिसकी वजह से कई लोगों की जान को खतरा हो सकता है।