हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुसीबतें बढ़ गई हैं। दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई द्वारा सौंपी गई 500 पन्नों की चार्जशीट के आधार पर उनके ख़िलाफ़ आरोप तय किए हैं। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अदालत में उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट पेश की है।
A Delhi #court today framed charges of criminal misconduct and amassing disproportionate assets of over 10 crore rupees against former #HimachalPradesh Chief Minister Virbhadra Singh, his wife Pratibha and others. pic.twitter.com/sIyerg8ZJJ
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 22, 2019
सीबीआई की चार्जशीट में 9 लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 109 और धारा 465 के तहत आरोप लगाए गए थे। यह सभी आरोप 225 गवाहों द्वारा दिए गए बयानों और 442 दस्तावेज़ों के सबूतों पर आधारित थे।
बता दें कि अदालत ने पिछले साल 10 दिसंबर को कॉन्ग्रेस नेता के ख़िलाफ़ आपराधिक कसूरवार और 10 करोड़ रुपये की अप्रमाणित सम्पत्ति इकट्ठा करने के आरोप तय करने का आदेश दिया था। जालसाज़ी के आरोपों के लिए अदालत ने कहा कि सिंह को कसूरवार ठहराने के लिए धारा 13 (2) और धारा 13 (ई) के तहत उनकी कुल आय से 192% अधिक सम्पत्ति पर कार्रवाई की जा सकती है।
विशेष जज अरुण भारद्वाज ने आरोप तय करने के बाद मुक़दमे में अभियोजन की गवाही के लिए 3, 4 और 5 अप्रैल की तारीख तय की है। वहीं अदालत ने वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह की अर्ज़ी पर सीबीआई से जवाब माँगा है।
दोनों ने मुक़दमे की सुनवाई के दौरान पेशी से स्थायी छूट माँगी है। दूसरी तरफ, ED ने इसी मामले में वीरभद्र के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत पूरक आरोप दाखिल कर दिया। जाँच एजेंसी का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने काले धन का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया था। इस पर अदालत 18 मार्च को इस पर सुनवाई करेगी।