कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूरा देश वर्तमान में लॉकडाउन है। ऐसे में एक जूनियर आईएएस अधिकारी बेहद मूर्खतापूर्ण बहाने के साथ नियमों का मजाक उड़ाते हुए एकांतवास यानी क्वारंटाइन से भाग निकला। कोरोना वायरस के संदिग्ध और केरल के आईएएस अधिकारी (सब कलेक्टर) अनुपम मिश्रा को निर्देशों का उलंघन करने के कारण निलंबित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अनुपम मिश्रा ने बताया कि उन्होंने घर में क्वारंटाइन को अपने घर जाने की अनुमति समझ लिया था। लेकिन उनकी इस भूल को जिला प्रशासन ने मानने से साफ़ इनकार कर दिया है।
अनुपम मिश्रा के निलंबन की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई है। अनुपम मिश्रा विदेश से हनीमून मना कर 19 मार्च को स्वदेश लौटे थे, जिसके बाद उनमें कोरोना के लक्षण मिलने के बाद उनको घर में ही क्वारंटाइन किया गया था। 21 मार्च को वो बिना किसी का सूचना दिए वहाँ से गायब हो गए थे।
अनुपम मिश्रा, 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और हाल ही में केरल के कोल्लम में सब कलेक्टर का पदभार संभालने के लिए आए थे। उन्होंने अपने वरिष्ठों को सूचित किया कि वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर सिंगापुर में थे, तब उन्हें वहाँ से लगभग 70 किलोमीटर दूर कोल्लम स्थित सरकारी आवास में आइसोलेशन में अलग-थलग रहने का निर्देश दिया गया था। लेकिन ऐसा करने की बजाए वह उस जगह से निकल गए और बाद में पता चला कि मिश्रा उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में स्थित अपने घर पहुँच गए हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने अनुपम मिश्रा को कम से कम दो सप्ताह तक घर में रहने की सलाह दी थी, लेकिन वे बिना किसी को बताए वहाँ से लापता हो गए। उनके लापता होने की सूचना तब मिली जब स्वास्थ्य अधिकारी बृहस्पतिवार (मार्च 26, 2020) को उनके सरकारी आवास पर उनकी स्थिति के बारे में पूछताछ करने पहुँचे। बिना किसी को सूचना दिए क्वारंटाइन से लापता होने को लेकर उनके खिलाफ धारा 188, 269, 270, 271 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया।
कोल्लम के जिला कलेक्टर बी अब्दुल नासर ने शुक्रवार (मार्च 27, 2020) को मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया है कि जब उन्हें क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया था तो उन्होंने कानपुर अपने घर जाने की बात कही थी। नासर ने कहा कि यह प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन है और उन्होंने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी भूल एक ऐसे व्यक्ति ने की है जिसे कि ऐसे समय में उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए था।