गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल द्वारा रियल स्टेट क्षेत्र में माँग को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। साथ ही इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ को समाप्त करने का फ़ैसला किया है। काउंसिल की बैठक में जो फ़ैसला लिया गया है, उसका संबंध घर ख़रीदने वाले लोगों से है। उनके हित में किफ़ायती दर के मकानों पर भी जीएसटी 8% से घटाकर 1% करने का फ़ैसला लिया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार (फ़रवरी 24, 2019) को जीएसटी काउंसिल की बैठक सम्पन्न होने के बाद इस फ़ैसले की जानकारी दी।
Finance Minister Arun Jaitley: GST payable for under-construction flat will be now 5%. Affordable housing will have 1% GST rate pic.twitter.com/1koXzxgU0A
— ANI (@ANI) February 24, 2019
इस फैसले से दिल्ली-एनसीआर समेत महानगरों में 60 वर्गमीटर और छोटे शहरों में 90 वर्गमीटर कारपेट एरिया और ₹45 लाख तक मूल्य वाले निर्माणाधीन फ्लैट पर अब मात्र 1 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इससे अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माणाधीन फ्लैट पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इन महानगरों में चेन्नई, मुंबई और बेंगलूरु शामिल हैं।
जीएसटी काउंसिल की 33वीं बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए जेटली ने कहा कि उपभोक्ताओं को लग रहा था कि बिल्डर इनपुट टैक्स पर छूट का लाभ उन्हें नहीं दिया जा रहा था। इसलिए रियल एस्टेट क्षेत्र में टैक्स प्रणाली में बदलाव की सिफ़ारिश के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि इनपुट टैक्स पर छूट खत्म होने के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र का कारोबार कहीं फिर से पहले की तरह नकद लेन-देन का धंधा ना बन जाए, इसके लिए बिल्डर कंपनियों को निर्माण सामग्री का एक बहुत ऊंचा हिस्सा जीएसटी में पंजीकृत डीलरों से ख़रीदना अनिवार्य किया जाएगा। यह हिस्सा कितना प्रतिशत रखा जाएगा, यह एक समिति द्वारा तय किया जाएगा। मंत्रियों के समूह ने यह सीमा 80 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया है।
जानकारी के अनुसार, आवासीय परियोजनाओं पर जीएसटी की ये दरें आगामी 1 अप्रैल से प्रभावी होंगी। वित्त मंत्री ने बताया कि काउंसिल ने फिटमेंट और लॉ कमिटी को रियल स्टेट से जुड़े ट्रांजिशन नियम बनाने के लिए भी कहा है। इस पर संभावना है कि आगामी 10 मार्च तक समिति द्वारा इन नियमों का प्रारुप तैयार कर लिया जाएगा।
बता दें कि ट्रांजिशन नियमों का फ़ायदा उन लोगों को मिलेगा, जिन्होंने अंडर-कंस्ट्रक्शन फ्लैट पहले से ही बुक किया हुआ है लेकिन उस प्रोजेक्ट को अभी तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट ना मिला हो। जेटली के मुताबिक काउंसिल ने अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का उद्देश्य रियल स्टेट को बढ़ावा देना तो है ही, साथ ही इससे मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग और कमज़ोर आय वर्ग को घर ख़रीदने में सुविधा भी मिलेगी।