छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर के फरसाबहार इलाके में तबलीगी जमात से जुड़े होने के कारण एक युवक को गाँव में प्रवेश देने से मना कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, युवक बंगाल का रहने वाला है। मगर, कुछ समय पहले कोरंगामाल गाँव में काम करने आया और गाँव की एक महिला से प्रेम विवाह करके यही बस गया। इसके बाद बीच-बीच में उसका बंगाल आना-जाना लगा रहता था। लेकिन कोरोना के फैलने के बाद जब ग्रामीणों को उसके तबलीगी जमात से जुड़े होने की सूचना मिली। तो गाँव वालों ने फौरन पंचायत करके उसकी एंट्री गाँव में हमेशा के लिए बंद कर दी और पुलिस के सामने आरोप लगाया कि वो बांग्लादेश का है। हालाँकि, अभी तक छानबीन में उसके बांग्लादेशी होने का सबूत नहीं मिला है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्ति के तबलीगी जमात से जुड़ी सूचना मिलने के बाद गाँव वालों ने उसकी गर्भवती पत्नी व दो बच्चों को क्वारंटाइन कर दिया है। साथ ही उनकी निगरानी भी की जा रही है। गाँववालों ने किसी भी कीमत पर युवक को गाँव में न घुसने देने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि जमाती युवक ने कुछ दिन पहले अपनी बीवी को गाँव लौटने की बात बताई थी। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और ग्रामीणों ने भी पंचायत करके अपना फैसला सुना दिया।
फरसाबहार के एसडीएम एसएन भगत के मुताबिक, जमात से जुड़े एक युवक की कोरंगामाल गाँव में पत्नी के पास लौटने की उन्हें सूचना मिली थी। सूचना पर उन्होंने जब गाँव पहुँचकर जाँच की तो पता चला युवक तो कई महीनों से गाँव ही नहीं आया। लेकिन इस जानकारी के बाद टीम सतर्क हो गई और निगरानी बनी हुई है। यदि युवक लौटता है तो उसे पहले क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। गाँव वाले भी इसे लेकर काफी सतर्क हैं।
बता दें, तबलीगी जमात के युवक के गाँव में न मिलने के बाद उसकी गर्भवती बीवी से पूछताछ में कई हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं। जैसे कि महिला को मालूम ही नहीं है कि उसके पति का स्थायी पता क्या है या उसकी सही पहचान क्या है? जिसे देखकर गाँव वालों की चिंता बढ़ गई है और इस बात पर चर्चा होने लगी है कि बाहर के लड़के गाँव की भोली-भाली लड़कियों को प्रेम जाल में फाँस लेते हैं और फिर उनसे विवाह भी कर लेते हैं। गाँव वालों का कहना है कि अगर महिला का पति लौटता है तो उससे कोरोना फैलने का डर होगा। इसलिए उसे गाँव में किसी भी हाल में घुसने नहीं दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस खबर के फैलने के बाद जिले के अन्य गाँवों में भी बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। ग्रामीणों ने अपने गाँव के मुख्य द्वारा पर बैरियर लगाए हैं और इसका ध्यान दिया जा रहा है कि ये ओडिशा व झारखंड से सटे इस गाँव के बैरियर केवल अतिआवश्यक कामों के लिए खोले जाएँ। सूचना है कि दोनो राज्यों की सीमा पर बने राहत कैंप में लोग पैदल चलकर आ रहे हैं।