Saturday, December 21, 2024
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मो. माहिर, इरफ़ान ने 60 गुंडों के साथ वारिसलीगंज दलित बस्ती में की गोलीबारी: 1 की हत्या, कई महिलाएँ घायल

वारिसलीगंज गोलीबारी में हुई हत्या का मुख्य आरोपित मोहम्मद इरफान अभी भी फरार बताया है। गाँव में पिछले 20 दिनों से दोनों पक्षों के बीच तनातनी चल रही थी लेकिन पथराव के बीच इसके बाद मोहम्मद इरफ़ान ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

बिहार के नवादा स्थित वारिसलीगंज से एक हत्या की घटना सामने आई है। यहाँ वारिसलीगंज के मुड़चालक में दो पक्षों के बीच मारपीट और गोलीबारी हुई। इस घटना में मुख्य आरोपित मोहम्मद इरफान ने 55 वर्षीय रविदास की गोली मार कर हत्या कर दी। एक महिला सहित 6 अन्य लोग घायल हैं। पुलिस ने 8 आरोपितों को हिरासत में लिया है लेकिन इरफ़ान अभी भी फरार बताया जा रहा है। गाँव में पिछले 20 दिनों से दोनों पक्षों के बीच तनातनी चल रही थी, जिसके बाद शुक्रवार (अप्रैल 18, 2020) को इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

ये विवाद मुख्यतः किशोर राजा रविदास और मोहम्मद माहिर के बीच हुई थी। विवाद का कारण स्पष्ट नहीं है। ये विवाद विवेकानंद पब्लिक स्कूल के पास हुई। इसके बाद मोहम्मद माहिर के परिजन रविदास के घर पहुँच गए और उन्हें बाहर निकाल कर उनके साथ मारपीट की। इस घटना की सूचना तब तक पुलिस को नहीं दी गई थी। रविदास दलित टोले में रहते थे, जहाँ शुक्रवाह की सुबह मोहम्मद माहिर 60 लोगों के साथ पहुँच गया और उसने मारपीट शुरू कर दी।

जब दलितों ने इसका विरोध किया तो मुस्लिम पक्ष की ओर से ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया गया। दलितों ने भी उन गुंडों को भगाने के लिए पत्थरबाजी की लेकिन बस्ती में लगातार तोड़फोड़ मचाया जाता रहा। इसके बाद मोहम्मद इरफ़ान ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में घायल हुए सभी लोग दलित ही थे, जिसमें से रविदास की इलाज के दौरान मौत हो गई। घायलों में 20 वर्षीय पापु माँझी और महिलाएँ भी शामिल थीं। उन सभी का इलाज जारी है। पप्पू और रविदास की हालत चिंताजनक होने के कारण दोनों को विम्स पावापुरी रेफेर कर दिया गया था।

‘दैनिक जागरण’ के नवादा संस्करण में प्रकाशित ख़बर

वारिसलीगंज में पहले भी हुई थी मारपीट

विम्स में ही इलाज के दौरान दलित रविदास की मौत हुई। गाँव स्थित एक गड्ढे में मछली मारने को लेकर दोनों पक्षों के बीच 29 मार्च को भी झड़प हुई थी। उस समय भी 8 लोग जख्मी हो गए थे। स्थानीय बुद्धिजीवियों ने पंचायत कर के किसी तरह मामले को ठीक कर दिया था। तब दोनों ही पक्षों द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया था लेकिन पुलिस ने सावधानी से काम लेते हुए दोनों पक्षों के कई लोगों के ख़िलाफ़ लॉकडाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था। हालाँकि, कोई गिरफ़्तारी नहीं की गई थी।

घटना की सूचना मिलते ही एएसपी और स्थानीय थानाध्यक्ष दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचे। जिला मुख्यालय से अतिरिक्त जवानों को मँगाया गया। आरोपितों के पास से चार बड़े तलवार भी जब्त किए गए। सघन छापेमारी और नाकाबंदी कर के आरोपितों को शिकंजे में लिया गया। इरफ़ान की तलाश अभी भी जारी है। हाल ही में मधुबनी में 5 अप्रैल की रात सुलेमान नदाफ, मलील नदाफ और शरीफ नदाफ ने 70 वर्षीय दलित महिला काला देवी (उर्फ कैली देवी) की हत्या कर दी थी। सरपंच फकरे आलम हत्यारों को बचाने की पूरी कोशिश की थी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तक बदलवाने का प्रयास किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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