बीजू जनता दल के वर्तमान अध्यक्ष नवीन पटनायक ने साफ़ शब्दों में कहा “उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।” नवीन पटनायक ने 8 जनवरी 2018 को अपने एक बयान में कहा था कि महागठबंधन पर फ़ैसला उनकी पार्टी बाद में करेगी क्योंकि इस विषय पर निर्णय के लिए पार्टी कुछ समय लेगी। लेकिन बुधवार की सुबह नवीन पटनायक ने स्पष्ट कर दिया कि 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी महागठबंधन से दूर रहेगी। इसके साथ ही यह भी कहा कि उनकी पार्टी भाजपा-कॉन्ग्रेस से समान दूरी बनाए रखेगी। पटनायक के इस स्टेटमेंट के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के महागठबंधन की कोशिश को झटका लगा है।
BJD president & Odisha CM Naveen Patnaik: BJD will not be part of the Mahagathabandhan. The party will continue to remain equidistant from both BJP & Congress. pic.twitter.com/375yeog7nv
— ANI (@ANI) January 9, 2019
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेडी का प्रदर्शन
ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका में रहती है। यहाँ कुल 21 लोकसभा सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में पटनायक को 21 में से 20 सीटें मिली थी। इस तरह ओडिशा में पटनायक की पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में ही कॉन्ग्रेस की पकड़ को कमजोर कर दिया था। हलांकि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा की एक सीट पर खाता खोलकर 2019 में बेहतर प्रदर्शन का संकेत दे दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में पटनायक की पार्टी को 44.1 प्रतिशत वोट मिले थे।
ओडिशा में पटनायक के इस कदम से भाजपा को मिलेगा लाभ
ओडिशा में पिछले कुछ समय से अमित शाह पार्टी कैडर को मजबूत कर रहे हैं। ओडिशा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पंडा के नेतृत्व में भाजपा ने बूथ स्तर तक के लिए कार्यकर्ताओं की फ़ौज तैयार कर ली है। बसंत पंडा ने ओडिशा के किसानों से कर्ज माफ़ी का वादा किया है। यही नहीं पार्टी ने हाल में भाजपा महासचिव अरूण सिंह को राज्य का चुनाव प्रभारी बनाया है। ऐसे में यदि बीजेडी और कॉन्ग्रेस अलग होकर ओडिशा में चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा फ़ायदा भाजपा को मिलेगा।