पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन के परिणामस्वरूप एक 9 महीने और एक 5 साल के बच्चे के साथ उनकी माँ की मौत हो गई। बता दें कि इस सीज़ फायर का उल्लंघन ऐसे समय में हुआ जब विंग कमांडर अभिनंदन को लौटाने की अपनी मजबूरी को इमरान ख़ान ने शांति की पहल के रूप में बताया था।
कश्मीर के पुंछ सेक्टर के एक नागरिक ने रिपब्लिक टीवी को बताया, “पाकिस्तान द्वारा शाम 6 बजे से फायरिंग शुरू हुई और रात 9-10 बजे तक जारी रही। पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में एक घर के भीतर उस समय विस्फोट हुआ जब वो परिवार भोजन कर रहा था।”
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “माँ और उसके दो बच्चे मर चुके हैं। बच्चों के पिता गंभीर रूप से घायल हैं। आसपास के दो-तीन घर तबाह हो गए हैं। हमारा घर सीमा के क़रीब है और पाकिस्तान हमें तबाह कर रहा है। हम ग़रीब लोग हैं, हम ख़ुद को कैसे बचाएँ?”
Jammu & Kashmir: Three members of a family were killed in shelling by Pakistan, in Poonch district’s Krishna Ghati sector, last night. pic.twitter.com/kqCsnf6RFH
— ANI (@ANI) March 2, 2019
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कथित तौर पर कहा कि सालोट्री (Salotri) में कई लोग घायल हो गए हैं क्योंकि पाकिस्तान एलओसी के किनारे पुंछ, मनकोट, बालाकोट और नौशेरा में नागरिक आबादी को निशाना बना रहा है। भारतीय सेना ज़ोरदार और प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई कर रही है।
पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने 7:30 बजे के क़रीब (शुक्रवार) को पुंछ सेक्टर के जालास के सालोट्री गाँव में भारी गोलीबारी की।
बड़े पैमाने पर युद्धविराम के उल्लंघन से संकेत मिलता है कि विंग कमांडर अभिनंदन को भारत वापस लाने का ‘शांति प्रयास’ एक भ्रम मात्र है। जबकि सच यह है कि भारतीय विंग कमांडर की वापसी प्रधानमंत्री मोदी के सख़्त रवैये और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते हुई थी। शर्म की बात है कि एक तरफ तो पाकिस्तानी मंत्री इमरान ख़ान को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर रहे हैं और दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना बच्चों और शिशुओं को मारने में व्यस्त है।