Friday, May 3, 2024
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महाराष्ट्र: राज्यपाल कोश्यारी ने चुनाव आयोग को सौंपा जिम्मा, क्या लॉकडाउन में भी हो सकते है राज्य विधान परिषद के चुनाव?

27 मई, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन सरकार के लिए एक ऐसी डेडलाइन बन गई है जिसे कोरोना लॉकडाउन ने गले की फाँस बना दिया है। ये वो तारीख है जिससे पहले उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदन- विधानसभा या विधान परिषद - में किसी एक का सदस्य बन जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर......

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर राज्य विधान परिषद की 24 अप्रैल को खाली हुई नौ सीटों पर शीघ्र चुनाव कराने का आग्रह किया है। राज्यपाल द्वारा आयोग को लिखे गए पत्र में आग्रह किया गया है कि लॉक डाउन की गाइडलाइन और राज्य की विषम परिस्थिति के मद्देनजर स्थिर सरकार जरूरी है। ऐसे में विधान परिषद के लिए चुनाव कराना ज्यादा उचित होगा। अब अगर चुनाव आयोग राज्यपाल कोश्यारी के अनुरोध को स्वीकार कर लेता है तो 28 मई से पहले चुनाव हो सकते हैं।

28 मई तक उद्धव अगर किसी भी सदन के सदस्य नहीं बने तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। सीएम हटे तो सरकार का गिरना तय है। अब ये कहा जा सकता हैं कि (27 मई, 2020) महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन सरकार के लिए एक ऐसी डेडलाइन बन गई है जिसे कोरोना लॉकडाउन ने गले की फाँस बना दिया है। ये वो तारीख है जिससे पहले उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदन- विधानसभा या विधान परिषद – में किसी एक का सदस्य बन जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संविधान के प्रावधानों के मुताबिक उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना होगा।

24 अप्रैल को होने थे चुनाव

बता दें कि पहले की योजना के अनुसार नौ सीटों के लिए 24 अप्रैल को चुनाव होने थे और उद्धव ठाकरे को चुनाव लड़ना था। हालाँकि, कोरोना वायरस की वजह से आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया। इसके कारण ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चाहते थे कि राज्यपाल कोश्यारी अपने कोटे की खाली पड़ी दो सीटों में से एक पर उन्हें नामित कर दें। इसके लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने दो बार प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन राज्यपाल कोश्यारी ने उस पर कोई फैसला नहीं किया। जिसके चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल यानी (30.4.20) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके मामले में दखल देने की गुहार लगाई थी। उन्‍होंने पीएम मोदी से कहा था कि ऐसे समय में जब महाराष्‍ट्र कोरोना की महामारी से जूझ रहा है राजनीतिक अस्थिरता ठीक नहीं है।

28 नवंबर 2019 को सीएम बने थे उद्धव

बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक, किसी भी मंत्री को (मुख्यमंत्री भी) पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर विधानसभा या विधानसपरिषद का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है। उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है। जनवरी 2020 में विधान परिषद की दो सीटों के लिए चुनाव भी हुए लेकिन उद्धव ठाकरे ने चुनाव नहीं लड़ा। 24 मार्च को विधान परिषद की धुले नांदुरबार सीट पर उपचुनाव होना था। 24 अप्रैल को विधान परिषद की 9 और सीटें खाली हो गईं। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने उम्मीद लगाई थी कि वह इनमें से किसी एक सीट से चुनाव जीत जाएँगे और मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसी बीच कोरोना वायरस ने सारी गणित बिगाड़ दी है और चुनाव टाल दिए गए।

चुनाव आयोग की बैठक

ताजा जानकारी के मुताबिक आज (1.5.20) चुनाव आयोग महाराष्ट्र में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने को लेकर बैठक करेगा। जिसमे लॉकडाउन में चुनाव कराने की स्थिति को लेकर चर्चा की जाएगी। जहाँ सीटों को लेकर लोगों की नजरें पहले राज्यपाल पर टिकी थी। वहीं अब सब बेसब्री से निर्वाचन आयोग के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में क्या लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए चुनाव आयोग चुनाव करवा सकती है। या फिर कोई नया कदम भी उठाया जा सकता हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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