Friday, May 3, 2024
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उन्नाव में 1000 टन सोने के दबे होने का दावा करने वाले संत शोभन सरकार का निधन, अखिलेश यादव ने जताया दुख

उस समय खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे। राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था। ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था। इसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। वहीं प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि........

परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार का बुधवार (मई 13, 2020) को निधन हो गया। उनके देहांत की खबर लगते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुँचने लगे।

शोभन सरकार 2013 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनके एक सपने के आधार पर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम खजाने की खोज में जुट गई थी।

शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में राजा राम बख्श सिंह के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है। इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी।

स्थिति तब हास्यास्पद हो गई जब सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी। हालाँकि, कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला। विहिप नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है।

खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे। राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था। वहीं, ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था। इसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। वहीं प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्‍य सरकार का हक होगा।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोभन सरकार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “शोभन सरकार” स्वामी विरक्त आनंद महाराज जी का देहावसान अत्यंत दुःखद! ईश्वर संत आत्मा को शांति एवं उनके लाखों अनुयाइयों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे। भावभीनी श्रद्धांजलि!”

शोभन सरकार के भक्तों के मुताबिक उन्हें किसी ने नहीं देखा है। इनका असली नाम परमहंस विरक्तानंद है। लोग सम्मानपूर्वक उनके नाम के साथ ‘सरकार’ जोड़ते हैं।

इनका जन्म कानपुर देहात के शुक्लन पुरवा में हुआ था। पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था। कपड़े के नाम पर वह सिर पर साफा बाँधते थे। गेरुए रंग की लंगोट पहनते थे और बदन पर अंगवस्त्र होता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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