कॉन्ग्रेस पार्टी की दिक्कतें ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। राजस्थान में लंबा नाटक चलने के बाद अब पंजाब से विवाद की ख़बरें आ रही हैं। कॉन्ग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के तौर तरीक़ों पर सवाल खड़े किए हैं। कॉन्ग्रेस सांसद का कहना है कि क्या अमरिंदर सिंह को वाकई लोकतंत्र में विश्वास है? अगर ऐसा तो वह महाराजा की तरह बर्ताव क्यों कर रहे हैं?
दरअसल सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने चंडीगढ़ के डीजीपी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था अगर उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का नुकसान पहुँचता है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री और डीजीपी ज़िम्मेदार होंगे। इसके जवाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी जवाब दिया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के जवाब पर सांसद प्रताप सिंह बाजवा का कहना है, “जिस तरह का जवाब उन्होंने (अमरिंदर सिंह) ने दिया है, उससे ऐसा लगता है कि वह अभी तक अपने सपनों में पटियाला के महाराजा बने हुए हैं। उनकी बातें सुन कर ऐसा लगता है, जैसे उन्हें लोगों की ज़रूरत ही नहीं है। न ही वह किसी को जवाब देना ज़रूरी समझते हैं।”
Captain saheb lost his mental balance after we raised questions on 121 deaths in hooch tragedy as he is thinking that his own party MP is questioning him: Congress’ Pratap Bajwa #Punjab https://t.co/b0cBcOLmD9
— ANI (@ANI) August 12, 2020
इसके अलावा कॉन्ग्रेस सांसद ने यह भी कहा, “जब से हमने ज़हरीली शराब पीने के बाद हुई 121 मौतों पर सवाल उठाया है, तब से ऐसा लगता है जैसे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। जैसे उन्हें इस बात का दुःख है कि उनकी पार्टी के सांसद ने ही उनसे सवाल कर लिया।”
कॉन्ग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे पर कुछ और अहम बातें कही। उनका कहना है:
“2 साल पहले अमृतसर में रेलवे दुर्घटना हुई थी। इस दुर्घटना में 60 लोगों की मौत हुई थी। मुख्यमंत्री ने जाँच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश भी दिया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसके बाद बाटला की पटाखे फ़ैक्टरी में धमाके हुए थे। इसकी जाँच के लिए भी एसआईटी का गठन हुआ था लेकिन इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ था। इसलिए कच्ची शराब से हुई मौतों को लेकर मेरे कुछ सवाल हैं। क्या जालंधर के मंडलायुक्त इस मामले की जाँच कर सकते हैं?”
आबकारी विभाग अमरिंदर सिंह के पास है। गृह मंत्रालय की तरह पंजाब की पुलिस भी अमरिंदर सिंह सरकार के दायरे में आती है। इसके बाद बाजवा ने कहा आबकारी विभाग की वजह से हुए नुकसानों की जानकारी के लिए उन्होंने राज्यपाल से भी संपर्क किया। इसके बाद सासंद बाजवा के अनुसार, “हमने माँग उठाई कि कच्ची शराब की वजह से हुई मौतों के मामले की जाँच सीबीआई या सीआईडी करे। लेकिन इस बात की वजह से अमरिंदर सिंह का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और उन्होंने मेरी सुरक्षा तक छीन ली।”
प्रताप सिंह बाजवा ने डीजीपी को लिखे पत्र में कई बातों का ज़िक्र किया था। उन्होंने कहा, “मैंने पिछले कुछ समय में राजनीति-ड्रग्स-पुलिस के गठजोड़ का खुलासा किया है। कैसे इन सभी की मिलीभगत से राज्य में इतने बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार हो रहा है। यह बेहद स्वाभाविक है कि पंजाब में ड्रग माफिया बहुत बड़े पैमाने पर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इसमें उसे पुलिस की तरफ से पूरा सहयोग और बराबर राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।” इन बातों को आधार बनाते हुए कॉन्ग्रेस सांसद ने सुरक्षा की माँग की थी।