वैष्णो देवी यात्रा रविवार (16 अगस्त 2020) से शुरू हो गई है। करीब पॉंच महीने से पवित्र गुफा की यात्रा बंद थी। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 18 मार्च को यात्रा बीच में ही रोक दी गई थी।
कोरोना को देखते हुए फिलहाल केवल 2000 श्रद्धालुओं को रोजाना दर्शन की इजाजत होगी। इस दौरान श्रद्धालुओं की जगह-जगह थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्हें फोन पर आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करनी होगी।
लंबे अंतराल के बाद शुरू की गई यात्रा में कई बदलाव किए गए हैं। पहले की तरह श्रद्धालु पंजीकरण केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकेंगे। इस बार केवल ऑनलाइन पंजीयन होगा और उसके बाद ही यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिलेगी। फेस मास्क और फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा।
यात्रा के शुरुआती बिंदुओं और अहम पड़ावों पर थर्मल स्कैनर भी लगा होगा। 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। जम्मू-कश्मीर के रेड जोन इलाकों और राज्य के बाहर के श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी।
राज्य के भीतर रेड ज़ोन से आए तीर्थ यात्रियों को कोविड परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट हेलीपैड, प्रवेश बिंदु, बाण गंगा और कतरा में दिखानी होगी। अपनी नेगेटिव रिपोर्ट साथ रखने वालों को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। प्रशासन का यह भी कहना है कि घोड़ा, पिट्ठू और पालकिस को इजाज़त नहीं होगी।
तीर्थ यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए बैटरी वाले वाहन, हेलिकॉप्टर और यात्री रोपवे चलाया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि समाजिक दूरी का पूरा पालन हो। किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा न हो इसके लिए कई इंतज़ाम किए गए हैं। सामूहिक समारोहों से बचने के लिए अटका आरती क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों की बुकिंग और विशेष पूजा पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई है।