Sunday, December 22, 2024
Homeविविध विषयअन्यऑटोप्सी रिपोर्ट में सुशांत की मौत का समय नहीं, जाँच के लिए एम्स ने...

ऑटोप्सी रिपोर्ट में सुशांत की मौत का समय नहीं, जाँच के लिए एम्स ने बनाई 5 फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम

इससे पहले मीडिया रिपोर्टों से यह बात सामने आई थी कि सुशांत की मौत के बाद रिया चकवर्ती अपने माता-पिता और भाई के साथ कूपर हॉस्पिटल भी पहुॅंची थी। वह हॉस्पिटल में करीब 45 मिनट रहीं। इतना ही नहीं कथित तौर पर वह मॉर्चरी में भी गुपचुप तरीके से घुसी थीं।

सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आने से नए सवाल खड़े हो गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस रिपोर्ट में सुशांत की मौत के समय का जिक्र नहीं है। इधर, एम्स ने पॉंच फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम का गठन किया है। इस टीम का गठन सीबीआई की ओर से सहयोग मॉंगे जाने के बाद किया गया है।

एम्स की टीम सुशांत के शरीर पर मौजूद चोटों के पैटर्न की जाँच करेगी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत की समय का जिक्र नहीं होने से फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी हैरान हैं।

एम्स द्वारा गठित टीम के मुखिया सुधीर गुप्ता ने कहा, “सीबीआई सुशांत सिंह मामले में अब तक जितनी रिपोर्ट तैयार हुई है वह इकट्ठा कर रही है। जल्द ही वह सारी रिपोर्ट हमें दे देंगे। हम उन सबूतों का भी विश्लेषण करेंगे जो सुशांत सिंह के शरीर की जाँच के दौरान मिले थे।” 

सीबीआई ने इस मामले में एम्स से मेडिको लीगल ओपिनियन माँगी है। सुधीर गुप्ता ने बताया कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने के पहले हमें इस तरह के सभी पहलुओं को नज़दीक से समझना होगा। इसके पहले सुधीर गुप्ता की अगुवाई में फॉरेंसिक टीम ने कई बड़े मामलों में मेडिको लीगल ओपिनियन दिया है। इसमें शीना बोरा और सुनंदा पुष्कर का मामला मुख्य है।      

ऑटोप्सी रिपोर्ट में सामने आई कई बातें हैरान कर देने वाली हैं। दरअसल इंसान की मृत्यु का समय भी एक अहम सबूत माना जाता है, लेकिन सुशांत सिंह का मामले में इसका कोई उल्लेख ही नहीं है। 7 पन्नों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि सुशांत सिंह के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे। इसके अलावा सुशांत के गले के पिछले हिस्से में भी कोई निशान नहीं मिले थे। फॉरेंसिक विशेषज्ञ दिनेश राव ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा कि रिपोर्ट मौत के तरीके पर जानकारी देती है। सुशांत सिंह के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं थे, इसका यह मतलब है कि यह किसी ने दबाव बना कर नहीं किया है। 

इससे पहले मीडिया रिपोर्टों से यह बात सामने आई थी कि सुशांत की मौत के बाद रिया चकवर्ती अपने माता-पिता और भाई के साथ कूपर हॉस्पिटल भी पहुॅंची थी। वह हॉस्पिटल में करीब 45 मिनट रहीं। इतना ही नहीं कथित तौर पर वह मॉर्चरी में भी गुपचुप तरीके से घुसी थीं। यह बात सामने आने के बाद सुशांत के पारिवारिक वकील केके सिंह ने पूछा था कि रिया को किस हैसियत से मॉर्चरी में प्रवेश दिया गया था।

असल में मुर्दाघर में पारिवारिक सदस्यों के अलावा किसी और को प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। चश्मदीद ने बताया था कि रिया चक्रवर्ती पाँच से सात मिनट तक शव गृह में रही। इस दौरान रिया ने सुशांत के सीने पर हाथ रखकर ‘सॉरी बाबू’ कहा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -