आतंकी फंडिंग की निगरानी रखने वाली संस्था एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने एक और कवायद की है। पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम समेत उनके आकाओं पर और तथाकथित कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं।
सबसे बड़ी बात यह कि पाकिस्तान आज तक अपने यहाँ दाऊद इब्राहिम के मौजूद होने की बात को नकारता रहा है। पहली बार है जब पाकिस्तान ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि दाऊद उसके यहाँ है। पाकिस्तान की सरकार ने इस बात को मान लिया है कि भारत के मोस्ट वांटेड लोगों में से एक दाऊद इब्राहिम कराची में रहता है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई एफएटीएफ द्वारा ब्लैक लिस्ट किए जाने की आशंका से घबराकर की है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और हाफिज, मसूद और दाऊद जैसे आतंकी आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश जारी किए हैं। उनकी विदेश यात्रा पर भी बैन लगा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएँ जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर प्रतिबंधों का ऐलान किया था।
भारत बार बार कहता रहा है कि 1993 के मुंबई बम धमाकों का गुनहगार दाऊद पाकिस्तान में ही छिपा है लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरान इसे नहीं मानते थे। अब जब पाकिस्तान ने दाऊद की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश जारी किए हैं। यह बात जगजाहिर हो गई है कि भारत का दावा सौ फीसद सही था कि दाऊद पाकिस्तान में ही दुबका बैठा है।
1993 मुंबई बम धमाकों का गुनहगार दाऊद इब्राहीम भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने हाल ही में पाकिस्तान को इन आतंकियों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे।
खबर के अनुसार सरकार ने इन संगठनों और आकाओं की सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को सील करने के आदेश दिए है। सईद, अजहर, मुल्ला फजलुल्ला (उर्फ मुल्ला रेडियो), जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेताओं जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी और इब्राहिम और उनके सहयोगी सूची में हैं।
गौरतलब है कि पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस समय सीमा बढ़ा दी गई थी।